मथुरा/भोपाल (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि जब भगवान राम अयोध्या में अपने भव्य मंदिर में मुस्कुराते हुए दिखाई दे रहे हैं, तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि भगवान कृष्ण भी मुस्कुराएं। यादव वृंदावन में आयोजित ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और शहीदों की स्मृति में केशव धाम में संपन्न भागवत कथा के समापन समारोह में शामिल हुए थे।
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उन्होंने कहा, “हमने अयोध्या में रामलला को मुस्कुराते हुए देखा है। यह बदलते युग का प्रतीक है। जब रामलला मुस्कुरा सकते हैं, तो क्या गलत है अगर कृष्ण कन्हैया भी मुस्कुराएं। यह भी आनंद का विषय होना चाहिए। आज चारों दिशाओं से यही ध्वनि आ रही है। जो बहरे हैं वे अपने कान ठीक कर लें और जिनकी आंखों में समस्या है वे साफ देख लें… हम ज़्यादा दूर नहीं हैं।”
यादव ने किसी का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया, लेकिन उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब मथुरा स्थित शाही ईदगाह मस्जिद-श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद का मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। हिंदू पक्ष जहां शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और जन्मभूमि पर दावा करने की मांग कर रहा है, वहीं मुस्लिम पक्ष 1968 के समझौते और उपासना स्थल अधिनियम 1991 का हवाला देकर मस्जिद की वैधता का दावा कर रहा है।
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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सीएम यादव का यह बयान मथुरा विवाद को अप्रत्यक्ष रूप से संबोधित करता है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद अब मथुरा का मुद्दा भी राष्ट्रीय बहस का हिस्सा बन चुका है।
इस बयान ने न केवल धार्मिक आस्था से जुड़े भावनात्मक मुद्दों को नया आयाम दिया है बल्कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजनीति में भी इसके दूरगामी असर देखे जा सकते हैं। यादव का यह वक्तव्य साफ करता है कि अयोध्या के बाद अब कृष्ण जन्मभूमि को लेकर भी माहौल गर्म होने वाला है।