अध्यात्म की महिमा में शिव है,
जगत चराचार में भी शिव है,
जीव-जन्तु की आत्मा शिव है,
आत्मा और जीवात्मा शिव है।
पार्वती हैं बुद्धि की देवी शिव,
विवेक के दाता श्री गणेश शिव,
रिद्धि- सिद्धि लक्ष्मी स्वरूप शिव,
श्री कार्तिकेय का शौर्य रूप शिव।
शिवत्रिनेत्र में सूर्य, चंद्र शिव,
जिस त्रिनेत्र के अग्निदेव शिव,
प्रकाश ऊष्मा सूर्य देव शिव,
शीतलता दें चंद्र देव शिव।
सांसारिकता को त्याग सदाशिव,
एकांत वास में ध्यान करें शिव,
भौतिक साधन त्याग सदाशिव,
जप तप रमते साकार सदशिव।
भक़्ति भाव आधीन हैं शंकर,
भक्तों के खुद भक्त हैं शंकर,
बाघाम्बर ओढ़ें त्रिशूल धर,
जटा में गंग सम्भाले शंकर।
वृषारूढ़ भोले शिव शंकर,
ॐ कार जप करते शंकर,
अर्धनारीश्वर भी शिवशंकर,
राम नाम जपते शिव शंकर ।
शिव परिवार की महिमा अद्भुत,
साम्ब सदा शिव हैं परमेश्वर,
चन्द्रमौलि, श्री नीलकंठेश्वर,
ओंकारेश्वर श्री जनकल्यानेश्वर।
शिव सोमनाथ, शिव केदारनाथ,
काशी विश्वनाथ, शिव बैजनाथ,
त्रयम्बकेश्वर शिव, नागेश्वर शिव,
मल्लिकार्जुन शिव, रामेश्वरम शिव।
घुषणेश्वर शिव, महाकालेश्वर शिव,
शिव ओंकारेश्वर, भीमाशंकर शिव,
बारह ज्योतिर्लिंग शिव के स्थापित,
कल्यानेश्वर, मनकामेश्वर शिव।
अमरनाथ शिव, बुद्धेश्वर शिव,
भौंरेश्वर शिव, जगतनाथ शिव,
गढ़मुक्तेश्वर शिव, हरिद्वार शिव,
दक्षिणेश्वर शिव, ईशाननाथ शिव।
शिवरात्रि में रुद्राभिषेक कर,
शिव शृंगार आदित्य करें हम,
भक्ति भाव युत पूजन करके,
शिव तेरस का वृत्त रखें हम।
कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
लखनऊ
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