
लखनऊ।(राष्ट्र की परम्परा डेस्क)प्रदेश में छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में भारी लापरवाही सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा कदम उठाया है। बीते वर्ष करीब छह लाख पात्र छात्र-छात्राओं को शुल्क भरपाई न मिलने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने 100 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, अयोध्या, बहराइच, रायबरेली, सीतापुर समेत 14 जिलों के समाज कल्याण अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। वहीं सबसे ज्यादा गड़बड़ी पाए जाने पर बरेली जिले के बाबू प्रमोद जोशी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
इसके साथ ही कई विश्वविद्यालयों के नोडल अधिकारियों और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) के आठ मंडलों के संयुक्त निदेशकों को भी कार्रवाई के दायरे में लाया गया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ढाई लाख रुपये तक सालाना आय वाले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों तथा दो लाख रुपये तक सालाना आय वाले अन्य वर्गों के छात्रों को छात्रवृत्ति के साथ-साथ शुल्क की प्रतिपूर्ति करती है। इस योजना का उद्देश्य गरीब व आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को उच्च शिक्षा में सहयोग प्रदान करना है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि समस्त लंबित प्रकरणों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित किया जाए और जिन छात्रों को बीते वर्ष छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिली है, उन्हें तत्काल लाभ पहुँचाया जाए। उन्होंने चेतावनी भी दी है कि भविष्य में यदि इस योजना में किसी भी स्तर पर गड़बड़ी या शिथिलता पाई गई तो संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।