गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के शुभ अवसर पर “एकता परेड” एवं “एक भारत श्रेष्ठ भारत” विषय पर व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टण्डन के निर्देशन में एनसीसी कैडेट्स व अधिकारियों के सहयोग से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत विधि विभाग से हुई, जहाँ प्रो. डी. एन. मौर्य और डॉ. अनुपम सिंह के नेतृत्व में एनसीसी कैडेट्स ने एकता परेड निकाली। परेड विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार तक पहुँची, जहाँ तिरंगे के समक्ष राष्ट्रगान प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर छात्रों और एनसीसी कैडेट्स ने एकता, अनुशासन और राष्ट्रप्रेम का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
परेड के पश्चात “एक भारत श्रेष्ठ भारत” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती एवं लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के चित्र पर दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. पूनम टण्डन ने की, जबकि मुख्य वक्ता रहे प्रो. श्री प्रकाश मणि त्रिपाठी, पूर्व कुलपति, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक (मध्य प्रदेश)। विशेष अतिथि के रूप में प्रो. चंद्रशेखर, पूर्व कुलपति राजा महेंद्र प्रताप विश्वविद्यालय, अलीगढ़, एवं प्रो. अहमद नसीम, पूर्व अध्यक्ष व अधिष्ठाता विधि विभाग, उपस्थित रहे।
मंचस्थ अतिथियों का स्वागत एवं परिचय नोडल अधिकारी डॉ. शैलेश कुमार सिंह ने किया, वहीं कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रो. अहमद नसीम ने रखी।
मुख्य वक्ता प्रो. श्री प्रकाश मणि त्रिपाठी ने अपने सारगर्भित व्याख्यान में कहा कि सरदार पटेल भारत की एकता के महान शिल्पी थे। उन्होंने 565 रियासतों का एकीकरण कर भारतीय गणराज्य की नींव मजबूत की। भारतीय प्रशासनिक सेवा की संरचना और शासन व्यवस्था में उनका योगदान अमूल्य है।
कुलपति प्रो. पूनम टण्डन ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि सरदार पटेल का जीवन हमें संगठन, एकता और राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा देता है। उनके आदर्शों से प्रेरित होकर हमारा विश्वविद्यालय विविधता में एकता की भावना को जीवित रखे हुए है। आज 15 राज्यों और पड़ोसी देशों के छात्र इस विश्वविद्यालय से जुड़कर इस भावना को साकार कर रहे हैं।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. रजनीश श्रीवास्तव द्वारा किया गया, जबकि संयोजन नोडल अधिकारी डॉ. शैलेश कुमार सिंह ने किया।इस अवसर पर छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. अनुभूति दूबे, प्रो. सुषमा पांडेय, प्रो. सत्यपाल सिंह, डॉ. राहुल मिश्र सहित विश्वविद्यालय और विधि विभाग के बड़ी संख्या में प्राध्यापक, कर्मचारी एवं छात्र उपस्थित रहे।
