Saturday, December 27, 2025
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गीता ज्ञान व मित्रता

चाहे अच्छा करो या बुरा, जो व्यक्ति
आपकी निंदा करते हैं वह करते रहेंगे,
निंदा से अविचलित हुये बिना शान्ति
व धैर्य से सत्कर्म हम करते रहेंगे।

श्रीमद्भगवद्गीता का ज्ञान कहता है
जीवन है तो निंदा व प्रशंसा होती हैं,
मरने वाले की तो संसार छोड़ने के
क्षण से मात्र प्रशंसा ही होती है ।

प्रेम का जो आनन्द इंतजार मे है
सच कहा है कि वो मिलने में कहाँ,
जो आनन्द मिलने की बेचैनी में है,
वो उसे पा लेने की कल्पना में कहाँ।

इंतजार करते रहिये हर सुबह शाम,
उसके स्मरण से आनन्द मिलने का,
प्रेम का सबसे सुंदर रूप इंतज़ार है,
जितना इंतज़ार है उतना गहरा प्यार है,

अच्छे मित्र मित्र की परवाह करते हैं,
घनिष्ठ मित्र मित्र को समझ सकते हैं,
सच्चे मित्र मित्र के साथ बिना सोचे,
बिना देरी किये समय पर खड़े होते हैं।

मित्रता जिसकी कमजोरी होती है,
वह सबसे ताकतवर इंसान होता है,
मित्रता दूर से या पास से हो, समय
पर साथ मिले तो हौसला बढ़ता है।

मित्रता का रिश्ता तब मज़बूत होता है,
जब समझना कम भरोसा अधिक हो,
ग़लतफ़हमियाँ भुला जब रिश्ता निभे,
आदित्य मित्रता पर विश्वास बढ़ता है।

•कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’

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