
इंफाल(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) मणिपुर में सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। राज्य के विभिन्न जिलों में चलाए गए विशेष अभियानों के दौरान वसूली की गतिविधियों में संलिप्त पाए गए पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें चार लोग प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों से जुड़े हुए हैं। पुलिस ने बृहस्पतिवार को इस संबंध में जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, ये सभी गिरफ्तारियां बुधवार को की गईं। गिरफ्तार किए गए लोगों में तीन विभिन्न प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों — प्रे-पाक (PREPAK), KYKL (कांगली यावल कन्ना लुप) और UNLF (यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट) से जुड़े चार सक्रिय सदस्य शामिल हैं। ये लोग राज्य में अवैध वसूली और डराने-धमकाने की गतिविधियों में लिप्त थे।
पुलिस ने बताया कि पहली गिरफ्तारी इंफाल पूर्वी जिले से हुई, जहां PREPAK संगठन से जुड़े एक सक्रिय कैडर को धर दबोचा गया। उसके पास से संगठन से जुड़ा साहित्य और कुछ दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
दूसरी कार्रवाई इंफाल पश्चिम जिले में की गई, जहां KYKL से जुड़े दो उग्रवादियों को पकड़ा गया। वे व्यापारियों और आम नागरिकों से ‘रिवोल्यूशनरी टैक्स’ के नाम पर जबरन वसूली कर रहे थे।
तीसरी गिरफ्तारी उखरुल जिले से हुई, जहां UNLF से जुड़े एक सदस्य को गिरफ्तार किया गया, जो लंबे समय से वसूली और प्रचार गतिविधियों में संलिप्त था।
इसके अलावा, एक अन्य स्थानीय व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया है, जो इन उग्रवादी तत्वों की मदद कर रहा था और वसूली में सहायक भूमिका निभा रहा था।
राज्य में लगातार अस्थिरता और हिंसक गतिविधियों के बीच सुरक्षा बलों ने आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। इन कार्रवाइयों का उद्देश्य राज्य में शांति बहाल करना और आम नागरिकों को उग्रवादी तत्वों के आतंक से मुक्त करना है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है और इनके नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां मिलकर आगे की कार्रवाई कर रही हैं।
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि यदि उन्हें किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी हो तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दें। साथ ही यह भी आश्वासन दिया गया है कि सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी
मणिपुर जैसे संवेदनशील राज्य में वसूली और उग्रवाद से निपटना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन सुरक्षा बलों की तत्परता और स्थानीय जनता के सहयोग से ऐसे तत्वों पर शिकंजा कसना अब संभव होता दिख रहा है।
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