May 16, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

“घातक” जातिय जनगणना

भारत देश जिसे जातिवाद में उलझाते जा रहे हैं सत्ता लोलुप नेता। मंशा इनकी कहलाएंगे खुद को देश का दूसरा गांधी।।

एक ने विभाजित कर भारत को आखिर क्यों पाकिस्तान बनाए।
जब फिर भी पूरी कौम जेहादी वहां नहीं भेजा।।

“ऐ” भारत के होनहारों देख जरा लो पहलगाम आतंकी हमले पर लगातार सेना संग सरकारी बैठकों के दौर थे जारी।
परिणाम फिर भी जातिय जनगणना कराए जाने की हुई अब है जारी क्या अब भी इनसे उम्मीद पाले अंधेरे में जीने की ही है तैयारी।।

आँखें खोलो सरकारी कटु मनसा जो हैं अब कुछ तो बोलो तुम।
मुख अपना अब नहीं खोले पीढ़ियां मारी जाएंगी तुम भी शव समान मुर्दे काहिल कहलाओगे।।

देखा खुद को कभी देश हित में बच्चे कम, किन्तु पढ़ा लिखा काबिल बच्चे पैदा करने वाले हो।
खुद योग्य बालक देश को दिए अब वे परिवार सम्भल जाएं, भारत छोड़ो का नारा लगने वाला है सत्तालोलुप सरकार जातीय जनगणना करने वाला है।।

जरा अब तो सोच सही समय बदला बदल रही हालात सब छोड़ देश और विकास। आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, आरक्षण, सरकारी जमीन के पट्टे पाने योग्य रोहिंग्या टाइप दर्जनों दर्जनों दर्जन संतान अब पैदा तुम भी कर लो वरना बन जाओगे इतिहास।।

अब सरकारी बोझ पैदा जो करते हैं जातीय एक्ट सहित सुविधा अनेक उन्हें ही रहता है।
वे ही अब सरकारी मेहमान बनेंगे जातिय एक्ट की सुविधा सहित बिना जांच गवाही सीधे जेल कानून अधिकार मिलेंगे।।

गत दिनों न्यायालय के फैसले पलट दिए हैं मेरे सरकार वोट के खातिर मानवता न्याय कुचलने का यह कैसा है अधिकार।
अध्यादेश के जरिए कोर्ट के फैसले का अपमान हो चुका है ।।

क्या अब भी उम्मीद न्याय की शेष बचा तुमने क्या कहीं देखा है।
फर्जी जातिय एक्ट जो डॉक्टर इंजीनियर शिक्षक जैसे होनहार आत्म ग्लानि में निज हत्या गले लगाए जा रहे हैं।।
फिर भी क्या नेता सरकार को इसकी चिंता करते कभी देखा शिवाय जातिय जनगणना एक्ट विशेष हित को तत्पर रहने के।
सामान्य वर्ग के आबरू कुल प्रतिभा को देश के नेता/सरकारें अब मरिअल मान चुकी अब जातीय जनगणना पर कर अपना ध्यान चुकी हैं।।

पत्रकार/कवि/समाज सेवी/
बृजेश मिश्र
7007998003
भाटपार रानी देवरिया (यूपी )