जगमग ज्योति
जलें दीपोत्सव में,
कुछ दिये जलाइये
उनके निमित्त भी,
हो गये शहीद जो
भारत की सीमा पर,
उनके नाम भी आइये
कुछ दिये जलाइये।
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पर्व परम पावन है,
उनके घर सूने हैं,
उनका स्मरण आइये,
मिलकर कीजिये,
न्योछावर प्राण किये
जिसने वतन के लिये,
उनके घरों में आइये,
कुछ दिये जलाइये।
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आदित्य दीपावली
की रात न रहे अँधेरा,
सबके घर हो जाये,
मंगलमय शुभ सवेरा,
ग़रीब, अमीर, दिव्यांग
सबके लिये दीपावली,
का त्योहार है, आइये,
वहाँ भी कुछ दिये जलाइये।
- डॉ कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
