छठ घाटों पर रही सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
एडीजी जोन डीआईजी कमिश्नर डीएम एसएसपी सहित वरिष्ठ अधिकारी घाटो पर बराबर करते रहें निगरानी
गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा) कार्तिक शुक्लपक्ष की सप्तमी तिथि पर सोमवार की सुबह छठ व्रती महिलाओं ने उगते हुए सूर्य को अर्द्ध देकर छठ व्रत का विधिवत पारण किया। महिलाएं भोर में हाथों में कोसी लेकर ढोल-ताशा के साथ राप्ती नदी घाघरा सरयू रामगढ़ ताल मीरपुर के राप्ती रोहिणी चिलुआताल छोटे बड़े अपने मोहल्ले घरों पर बनाए हुए तालाबो के घाटों पर पहुंचीं। वहां अपनी बेदी में पूजन करने के बाद कमर भर जल के अंदर जाकर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाओं ने मांग भराई कर अखंड सौभाग्य का आशीष लेकर ठेकुआ व खजूर खाकर और पानी पीकर व्रत खत्म किया। इस दौरान छठी मैया का जयकारा तथा गीत भी महिलाएं गाती रहीं। जहां घाघरा राज घाट राप्ती रामगढ़ ताल रोहिन चिलुआताल सहित छोटे-बड़े घाटों पर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर रखा था सेक्टर मजिस्ट्रेट नियुक्त कर ड्रोन कैमरा से निगरानी कर गोताखोरों व एनडीआरएफ की टीम के साथ-साथ महिला व सिविल पुलिस बराबर घाटों की निगरानी कर रही थी जनपद के समस्त लेखपाल एडीओ वीडियो बीपीओ अपने-अपने क्षेत्रों में घाटो पर पहुंचकर आए हुए छठ व्रती महिलाओं की सुरक्षा की निगरानी कर रहें थे जहां छठ व्रती महिलाओं ने कुशलता पूर्वक छठ व्रत का उगते सूर्य को अर्द्ध देकर पारण किया। वही किसी छठी व्रती महिलाओं को किसी प्रकार की असुविधा ना होने पाए छठ व्रती महिलाओं की सुरक्षा निगरानी स्वयं वरिष्ठ अधिकारी एडीजी जोन अखिल कुमार डीआईजी गोरखपुर परीक्षेत्र गोरखपुर जे रविंदर गौड कमिश्नर रवि कुमार एनजी जिलाधिकारी कृष्ण करुणेश वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ गौरव ग्रोवर पुलिस अधीक्षक नगर कृष्ण बिश्नोई सहायक पुलिस अधीक्षक मानुष पारीक पुलिस अधीक्षक उत्तरी मनोज कुमार अवस्थी पुलिस अधीक्षक दक्षिणी अरुण कुमार सिंह पुलिस अधीक्षक अपराध इंदु प्रभा सिंह पुलिस अधीक्षक ट्रैफिक डॉ महेंद्र पाल सिंह एसपी मंदिर सुरक्षा राकेश सिंह डीपीआरओ हिमांशु शेखर ठाकुर नगर आयुक्त अविनाश सिंह सहित जनपद के समस्त क्षेत्राधिकारी एसडीएम तहसीलदार अपने अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए छठ महापर्व को सकुशल संपन्न कराने में अपना अहम योगदान दीया।
आस्था के महापर्व छठ पर्व पर नदियों तालाबों के घाटों
के तट पर आस्था का समंदर उमड़ पड़ा था। न उम्र का बंधन, अमीरी-गरीबी की खायी से मुक्त हर कोई छठी मइया की स्तुति में लीन रहा। हजारों निर्जला व्रती महिलाएं परिवार के सदस्यों के साथ घाट पर पहुंचीं थीं। उन्होंने गन्ने का मंडप बनाकर पूजन किया। पूजन के बाद महिलाओं ने एक-दूसरे को सौभाग्य के प्रतीक सिंदूर लगाया।
सोमवार की सुबह सूर्योदय से पूर्व स्नान करके महिलाएं ठेकुआ बनाने के साथ पूजन की तैयारी में जुट गईं। राजघाट राप्ती नदी रामगढ़ ताल गोरखनाथ मंदिर भीम सरोवर मानसरोवर सूर्य कुंड राप्ती नदी के मीरपुर चिलुआताल रोहिणी के घाटों पर व्रती महिलाएं पहुंचने लगीं। छठ मइया को रिझाने के लिए ”जोड़ा कल सुपवा लिहले वरती पुकारे…, कोपि-कोपि बोलेली छठीय माई…, सुपली में नरियर नीमुवा सेउवा…, छठी माई दिहले बाड़ी गोदी में लालनवा…, बाटै जै पूछेले बटोहिया ई भार केकरै घरै जाय…, छठ मईया बड़ी पुण्यात्मा ई भार छठी घाटे जाय… जैसे गीत गाते हुए घाट की ओर पग बढ़ा रही थीं। हाथ में गन्ना और प्रसाद की थाली थी, जबकि पुरुष सिर पर बांस की टोकरी में सूप, फल, सब्जी व पूजन की अन्य सामग्री लेकर साथ चल रहे थे। घाट पहुंचने पर स्वयं की बनाई वेदी के पास बैठकर उसके चारों ओर गन्ने का मंडप तैयार किया। मंडप के अंदर बैठकर छठी मइया का विधिवत पूजन किया। सूर्योदय होते समय लोटा व प्रसाद लेकर महिलाएं पानी में खड़ी होकर ”ओम घृणि सूर्य देवाय नम:, ओम दिवाकराय नम: व गायत्री मंत्र का जाप करते हुए अघ्र्य दिया। पति, पुत्र व परिवार के अन्य सदस्यों ने भी क्रम से सूर्यदेव को अघ्र्य दिया। परिवार की बड़ी महिलाओं ने उम्र से छोटी स्त्रियों को सिंदूर लगाकर सदा सुहागन रहने का आर्शीवाद दिया। घाट पर ढोल-नगाड़े की थाप पर युवाओं के साथ बुजुर्ग भी थिरके। बच्चों ने पटाखे जलाकर खुशी मनाई।
पूजन को यादगार बनाने के लिए व्रती महिलाओं के साथ आए लोगों ने सेल्फी लिया, जिनके परिजन दूसरे शहरों में थे उन्हें वीडियो काल व फेसबुक लाइस के जरिए पूजन दिखाया।
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