Category: कविता

मातृ दिवस

मातृ दिवस है आज मनाते,माँ की प्यारी प्यारी यादों में,जीवन में है सबसे प्यारी माँ,सबसे सुंदर सबसे न्यारी माँ। पाला, पोषा फिर बड़ा किया,पहली शिक्षक थी तुम माता,अपने बाहों में…

आदित्य कटोरा तेरा अब खाली है

माथे का सिन्दूर मिटा कर जश्नमनाना दुश्मन का जश्नी नारा है,ऑपरेशन सिन्दूर में आँखे फूटी,टाँगे टूटी, बही लहू की धारा है। मची तबाही पूरे पाकिस्तान में,तब आकाओं की सुधि आई…

ऑपरेशन सिन्दूर एक बानगी है

मासूम पर्यटकों को कश्मीर कीघाटी में पाकिस्तानी आतंकियोंने धर्म पूछ कर गोली मारा था,हिंदू स्त्रियों का सिंदूर उजाड़ा था। शोक ग्रस्त असहाय मृतक पत्नी सेजेहादी हत्यारे ने यह बोला था,मोदी…

सिंदूर की ताकत को तुम अब पहचानोगेदोबारा कभी हमको कमज़ोर ना जानोगे

हर बार निभाया था हमने भाई चाराइस बार निभाया जो ता उम्र को मानोगे भारत का गौरव ही भारत की औरत हैऔरत की शक्ति को आखिर पहचानोगे हिन्दू हिन्दुस्तानी हिन्दी…

अच्छी संगति : अच्छे विचार

जमीन अच्छी हो, खाद अच्छी हो,पानी खारा हो, तो फूल नहीं खिलते,वैसे ही भाव अच्छे हों, कर्म अच्छे हों,वाणी खराब हो, तो रिश्ते नहीं टिकते। इंसान के विचारों का स्तर…

“घातक” जातिय जनगणना

भारत देश जिसे जातिवाद में उलझाते जा रहे हैं सत्ता लोलुप नेता। मंशा इनकी कहलाएंगे खुद को देश का दूसरा गांधी।। एक ने विभाजित कर भारत को आखिर क्यों पाकिस्तान…

सब यहीं धरा रह जाता है

बचपन के दिन याद करूँ तो मनमें एक कसक पैदा हो जाती है,वे दिन भी क्या दिन होते थे जबकिंचित रात कभी न हो पाती थी। युवावस्था के वैभवशाली दिनभी…

प्रेम भक्ति, श्रद्धा, विश्वास और दृढ़ता

जीवन एक अविराम यात्रा है,इस यात्रा में वही पथिक अपनेगंतव्य तक पहुँच पाता है जोनिरंतर यात्रा में चलता रहता है। इस यात्रा में पथ, पाथेय और गंतव्यतीनों के प्रति श्रद्धा…

स्वार्थ से बड़ा समाज व देश

वह दो तरह के व्यक्ति ख़ास होते हैं,जो समाज में तहलका मचाते हैं,एक वो जो जानकर भी चुप रहते हैं,दूसरे जो बिना जाने ही शोर करते हैं। जानते समझते हुये…

शख़्सियतें निशान छोड़ती हैं

किसी के साथ बुरा उतना ही करो,कि खुद पे आए तो सहन कर सको,बुरा ढूँढता हूँ, बुरा न मिलता कोय,दिल देखूँ आपना मुझसे बुरा न कोय। हमारी तमीज, तहजीब व…

ख़ुद ही मुद्दई, ख़ुद ही मुद्दालय

ख़ुद ही मुद्दई, ख़ुद ही मुद्दालय,ख़ुद ही पुलिस ख़ुद न्यायालय,ख़ुद ही गवाह ख़ुद ही पैरोकारी,ख़ुद वकील ख़ुद जाँच अधिकारी। जहाँ तक वह देख सकते हैं,वहाँ तक सब उनके आधीन,न कोई…

प्रकृति का नियम

जिस तरह एक वृक्ष की प्रकृति होती हैहमारी प्रकृति भी वैसी ही होनी चाहिए,हमें अपनी धरती पर रहकर वृक्ष की तरह,अपनी जड़ों के साथ ही जुड़े रहना चाहिए। जैसे वृक्ष…

ज़िंदगी एक किताब है

जिंदगी एक किताब की तरह है,कुछ पन्ने बेरुखे हैं, कुछ खुश हैं,और कुछ पन्ने रोमांचक भी हैं,लेकिन अगर हम पेज नहीं पलटेंगेतो हमें कैसे पता चल पायेगा किअगले पन्ने में…