Category: कविता

सत्य कड़वा होता है

सत्य बोलना हमेशा लाभप्रद होता है,सत्य वचन याद नहीं रखना होता है,सत्य सदा सरल व निष्छल होता है,हाँ, पर सत्य अक्सर कड़वा होता है। स्वप्न में दिखी मुलाक़ात नहीं होती…

दो महानतम अस्त्र

बीसवीं सदी केदो ही महानतम अस्त्र रहे —एक भारत के पास: अहिंसाजिसे गाँधी ने चलायाऔर दूसरा अमेरिका के पास:परमाणु बमजिसे ओपेनहाइमर ने चलाया। यह अद्भुत था —पर अंत और भी…

शत्रु नहीं मैंने बनाया

मन में पूरा विश्व समाया हुआ है,पर भीड़ में कोई दिखता नहीं है,यहाँ सामान्य व्यक्तित्व कहाँ है,हर चेहरे के पीछे छिपा चेहरा है। इस घोर कलयुग में गुरु कम,गुरु से…

पति-पत्नी: सुख-दुख के साथी

घर परिवार में गृह स्वामी व गृहिणीसारे परिवार के उत्तरदायी होते हैं,सुचारू रूप से घर – गृहस्थी चले,घर के मुखिया ही जिम्मेदार होते हैं। सनातन धर्म के सोलह संस्कार मेंवैवाहिक…

परीक्षा में पर्यवेक्षक

शब्दों की मधुरता जीवन में रिश्तोंको मज़बूती से बाँध कर रखती है,जैसे गीली मिट्टी पेड़ पौधों की जड़ोंको मज़बूती से पकड़ कर रखती है। रिश्तों की मज़बूती हमारे जीवन मेंमित्रों…

सूर्य देव का प्रकोप

सूर्य देवता का यह प्रकोप है,या गर्म हवा के जलते झोंके हैं,सूरज बाबा का तेज व्याप्त है,या पछुवा पवन के शोर ज़ोर हैं। दोनों को ये कैसा साथ मिला है,संग…

समीक्षा

“मौन की मुस्कान” चुप्पियों के शब्दों में गूंजती स्त्री की आत्मा“मौन की मुस्कान” केवल कविताओं का संग्रह नहीं, एक स्त्री की आत्मा से निकली आवाज़ है। प्रियंका सौरभ की रचनाएँ…

ज़िन्दगी की राहें…

ज़िन्दगी कभी सुहाना सफ़र है,कभी ज़िन्दगी में मुश्किलात हैं,पर हर हाल में और हर वक्त में,जिंदगी जीना हँसते मुस्कुराते हैं। ज़िन्दगी की राहें अंजाना सफर हैं,कोई क्या जाने कब साँसे…

प्रेम विवाह!

आजकल शीघ्र प्रेम विवाह के साथशीघ्र पति-पत्नी के अलग होने कीपरम्परा का भी रिवाज चल रहा है,फ़िल्मी सभ्यता का विकास हो रहा है। दो शादीशुदा वकील के पास आये,दो वर्ष…

प्रेम विवाह!

आजकल शीघ्र प्रेम विवाह के साथशीघ्र पति-पत्नी के अलग होने कीपरम्परा का भी रिवाज चल रहा है,फ़िल्मी सभ्यता का विकास हो रहा है। दो शादीशुदा वकील के पास आये,दो वर्ष…

क़र्म वश में रखें, आदित्य सुभाव बनेंगे

सागर के पानी में गहराई होती है,यादें तो अक्सर तन्हाई में आती हैं,दुनिया में कौन किसको याद करता है,याद करे तो यादों में सच्चाई होती है। रिश्ते भले ही आसपास…

अनमोल तथ्य

जो बीत गया, अब बदला कैसे जाये,मंतव्य बता वास्तविकता कैसे बताए,सबकी मंज़िल अलग, गंतव्य एक है,वक्त बीतते बिगड़ी बातें बनते देखा है। सकारात्मक सोच सदा सदाहमें सकारात्मकता ही देती है,हम…

परोपकार होता रहे

आँख में यदि कुछ चला जाये तोउसे बिलकुल नहीं देख पाती हैं,वैसे ही दूसरे की बुराई दिखती है,पर अपनी बुराई न दिख पाती है। जीवन में वक्त से ज्यादा महंगीअंतर्मन…