परंपरायें जो रूढ़ियाँ बन चुकी हैं,उनमें समुचित सुधार आवश्यक है,मानव जीवन के स्वर्ग नर्क...
कविता
मेरा मन क्यों भटकता जा रहा है,किसी अंजान भय से तड़प रहा है,मन के...
मन बसत मेरो वृंदावन में,मन बसत मेरो वृंदावन में,रंग रंगीली होली आयी,सारे जग की...
एक नाविक ने एक पेंटर को बुलायाऔर अपनी नाव पेंट करने को कहा,पेंटर ने...
कुछ लोग आगे पीछे रहते हैं,हँसते खेलते समय बिताते हैं,इसका तात्पर्य यह नहीं होता...
जिस प्रकार छोटी छोटी आंखे साराआसमान देखने की ताक़त रखतीं हैं,वैसे ही जीवन में...
मेरी कविताओं में मित्रों किसी तरहकी कोई राजनीति तो मत खोजो,जिनक़ा नहीं दूर तक...
एक गीत वक्त में परिवर्तन लाता है,एक विचार दुनिया ही बदल देता है,एक कदम...
पलप्रतीपल बदला भारत पल–पल में बदल रहा है परिवेश, व्यवस्था बदल रहा जब खुद...
कबीर लहरि समंद की,मोती बिखरे आई।बगुला भेद न जानई,हंसा चुनि-चुनि खाई॥ समुद्र की उफनती...
केवट बोला हे अवधपुरी के श्रीराम,तुम तो हो राजाओं के राजा राम,गंगा पार कराऊँगा...
भरे बसन्त मेँ हुआपतझड़ का अहसास,गमगीन मौसम हुआगया हास-परिहास।टोने-टोटके,बिधि-बिधानसभी हो गये फेल,देवी-देवताओं के माथे...
बातें शानदार हों न हों व्यंग्य तो है,बहुत शानदार हो या थोड़ा कम हो,लिखा...
ग़रीबी में पला था सूखी रोटियाँ खाकर,बचपन से जवानी तक रहा था औरों का...
अध्यात्म की महिमा में शिव है,जगत चराचार में भी शिव है,जीव-जन्तु की आत्मा शिव...