कविता

तन–मन में बसे मेरे श्रीराम

जीवन में जो कुछ है प्राप्त हुआ,श्रीराम कृपा मान स्वीकार करूँ,भोजन न पचे तो अपच रोक सकूँ,ऐश्वर्य बढ़े तो दिखावा…

1 year ago

ईश्वर एक है

कबीर कुआं एक है पानी भरें अनेक,बर्तन में ही भेद है, पानी सबमें एक। जब हिंदू मुस्लिम सहित सभी धर्मोंको…

1 year ago

होली आई रे कन्हाई…

होली आई रे, कन्हाई होली आई,राधा के संग खेलत कृष्ण कन्हाई,गोपी ग्वाले मिल मस्ती मनाई,गोकुल, बरसाने वृंदावन जाई,होली आई रे,…

1 year ago

कर्म की गति नियत होती है

थोड़ा सा मुस्कराने में क्या जाता है,तारीफ़ खुल कर करिये जमाने की,कुछ नहीं जाता है क्षमा कर देने में,मदद भरपूर…

1 year ago

परिवर्तन तो संसार का नियम

परंपरायें जो रूढ़ियाँ बन चुकी हैं,उनमें समुचित सुधार आवश्यक है,मानव जीवन के स्वर्ग नर्क यहीं हैं,जो आता है निश्चय ही…

1 year ago

इतिहास के पन्नों में…

मेरा मन क्यों भटकता जा रहा है,किसी अंजान भय से तड़प रहा है,मन के अंदर क्या कुछ हो रहा है,भीतर…

1 year ago

मन बसत मेरो वृंदावन में

मन बसत मेरो वृंदावन में,मन बसत मेरो वृंदावन में,रंग रंगीली होली आयी,सारे जग की ख़ुशियाँ लायी,रंग गुलाल अबीर फ़िज़ायें,फागुन की…

1 year ago

छोटी सी भलाई: बड़ा काम

एक नाविक ने एक पेंटर को बुलायाऔर अपनी नाव पेंट करने को कहा,पेंटर ने नाव को लाल पेंट कर दिया,जैसा…

1 year ago

वक्त ज़रूरत पर जब अकेला पाया

कुछ लोग आगे पीछे रहते हैं,हँसते खेलते समय बिताते हैं,इसका तात्पर्य यह नहीं होता है,कि ऐसे सब लोग सच्चे मित्र…

1 year ago

विचारों की ख़ूबसूरती

जिस प्रकार छोटी छोटी आंखे साराआसमान देखने की ताक़त रखतीं हैं,वैसे ही जीवन में विषमतायें होने पर,भी ज़िन्दगी ख़ुशनुमा बन…

2 years ago