सफलता की चाभी से ख़ुशी नहीं मिलती,परंतु ख़ुशियों की चाभी सफलता देती है,हम जो...
कविता
रमता जोगी, बहता पानी एक से,साधू – सन्यासी भी चलते फिरते,जीवन की रीति नदी...
मैं कैसे कहूँ प्रभु कि मैं हूँ तुम्हारा,बिना बात की बात का है सहारा,दिन...
ज़िन्दगी का तराना कभी भीअपना स्वरूप बदल देता है,इसलिए हमें किसी तरह काअभिमान शोभा...
सिया, राम- लक्ष्मण संग वन मेंचलते थक कर विश्राम कर रहे थे,वटवृक्ष तले शीतल...
हाथ कंगन को आरसी क्या,पढ़े लिखे को फ़ारसी क्या,सरकार आरक्षण दे या न दे,जातीय...
शक्ति प्रेम की और भय शक्ति मेंबिलकुल विपरीत स्थिति होतीं हैं,नैतिक बल और अनैतिक...
भारत भर में प्रयाग महाकुम्भ कासंगम में पवित्र डुबकी लगाने का,त्रिबेणी में पवित्र स्नान...
बिखर रहे चूल्हे सभी, सिमटे आँगन रोज।नई सदी ये कर रही, जाने कैसी खोज॥...
धरा पर नीम के वृक्ष काटे जा रहे हैंदिलों में कड़वाहट बढती जा रही...
यह संसार मनुष्य की कर्मभूमि व भोगभूमि दोनों है,मनुष्य के कर्मफल का भण्डार अक्षय...
कोई व्यक्ति अपने मस्तिष्क मेंबिल्कुल स्पष्ट विचार रखता है,उसका अचार व्यवहार हमेशा,पूर्ण संतुलित, सकारात्मक...
महाभारत हो रहा फिर से अविराम।आओ मेरे कृष्णा, आओ मेरे श्याम॥ शकुनि चालें चल...
हमारे माता-पिता, पति-पत्नी,पुत्र-पुत्री, मित्र, सगे सम्बन्धी,क्या वास्तव में ये जीवनसाथी हैं,नहीं, जीवनसाथी तो शरीर...
हिसार (राष्ट्र की परम्परा)बस दिल से सच्चा हिंदुस्तानी बन।आये देश के काम वह जवानी...