पटना (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)बिहार में नई सरकार के गठन के साथ ही माफिया और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया गया है। इसी कड़ी में राज्य के गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जब्त की गई संपत्तियों का उपयोग अब जनहित के कार्यों में किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्तियों पर ताले नहीं लटकेंगे, बल्कि वहां सरकारी स्कूल खोले जाएंगे, जिससे गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को सीधा लाभ मिल सके।
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एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के मामलों में दोषी ठहराए जा चुके हैं, जिनकी कुल राशि लगभग 950 करोड़ रुपये बताई जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि ईडी और सीबीआई पहले ही लालू यादव की कई संपत्तियों को अटैच कर चुकी हैं। इनमें पटना चिड़ियाघर के पास स्थित एक बड़ी बिल्डिंग भी शामिल है, जो बीते करीब 20 वर्षों से बंद पड़ी है।
गृह मंत्री ने कहा कि जनता के टैक्स के पैसों से बने अवैध ढांचों को अब जनता के काम में लाया जाएगा। उक्त भवन की रंगाई-पुताई कर वहां सरकारी स्कूल शुरू करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। उनका कहना था कि कानून से ऊपर कोई नहीं है, चाहे वह कितना ही बड़ा नेता क्यों न हो।
उन्होंने आगे कहा कि बिहार सरकार भ्रष्टाचार से अर्जित हर इंच जमीन और संपत्ति को जब्त कर जनकल्याण के लिए इस्तेमाल करेगी। आम नागरिकों को डरने की कोई जरूरत नहीं है, डर उन्हें होना चाहिए जो अपराध और भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। या तो उन्हें सुधरना होगा या बिहार छोड़ना होगा।
इधर, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को सरकारी आवास खाली करने के नोटिस के बाद लालू परिवार के महुआबाग स्थित नए बंगले को लेकर भी सियासी चर्चा तेज हो गई है। सत्ता पक्ष लगातार इस आलीशान निर्माण की जांच की मांग कर रहा है, जिससे बिहार की राजनीति और अधिक गर्मा गई है।
