
अयोध्या (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने रविवार को अयोध्या में प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य 31 अक्टूबर 2025 तक पूर्ण हो जाएगा, जबकि मंदिर परिसर का हरित सौंदर्यकरण कार्य आगामी 1 जनवरी 2026 तक पूरी तरह से तैयार कर लिया जाएगा।
🔹 भव्य मंदिर का निर्माण अंतिम चरण में
लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के नेतृत्व में बन रहे राम मंदिर के निर्माण की निगरानी कर रहे परियोजना निदेशक विनोद मेहता ने भी पुष्टि की कि निर्माण से जुड़े सभी प्रमुख मील के पत्थर अक्टूबर अंत तक पूरे हो जाएंगे। यह मंदिर, सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2019 में दिए गए ऐतिहासिक निर्णय के बाद शुरू हुए कार्य का परिणाम है, जिसमें राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का अंत हुआ।
🔹 हरित परिसर अगले वर्ष जनवरी तक तैयार
ट्रस्ट के अनुसार, मंदिर का कुल परिसर लगभग 70 एकड़ में फैला है, जिसमें बगीचे, पथ, जल निकासी, और हरियाली को प्राथमिकता दी गई है। चंपत राय ने कहा कि यह हरित रूप भक्तों को ध्यान, विश्राम और आस्था का एक विशेष अनुभव प्रदान करेगा।
भूनिर्माण कार्य GMR इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा किया जाएगा, जिसकी शुरुआत नवंबर के पहले सप्ताह से होने की संभावना है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, 6 से 8 सप्ताह में यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा, क्योंकि नवीनतम तकनीकों की सहायता से भूमि भराई और सज्जा में अधिक समय नहीं लगेगा।
🔹 लंबित कार्यों पर विशेष ध्यान
हालांकि मंदिर मुख्य संरचना की ओर बढ़ रहा है, कई अन्य सहायक निर्माण कार्य अभी लंबित हैं। चंपत राय ने बताया कि मंदिर परिसर की चारदीवारी का निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हुआ है, जो आने वाले महीनों में प्रारंभ होगा। इसके साथ ही ऑडिटोरियम, शौचालय, ट्रस्ट कार्यालय और अन्य सह-सुविधाओं को पूरा होने में कम से कम एक और वर्ष लग सकता है।
🔹 श्रद्धालुओं की सुविधा प्राथमिकता
ट्रस्ट का स्पष्ट निर्देश है कि कोई भी निर्माण कार्य श्रद्धालुओं के दर्शन में बाधा नहीं डालेगा। चंपत राय ने आश्वासन दिया कि सुरक्षा उपायों और भक्तों की आवाजाही को ध्यान में रखते हुए चरणबद्ध विकास किया जाएगा।
🔹 20 से अधिक आकर्षण होंगे विकसित
ट्रस्ट के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि राम मंदिर परिसर में 20 से अधिक अलग-अलग आकर्षणों और ‘इंटरस्ट पॉइंट्स’ को विकसित किया जा रहा है, जिनमें पौराणिक गलियारे, दर्शनीय स्थल, ध्यान क्षेत्र, और जल संरचनाएं शामिल होंगी। बाद में यह तय किया जाएगा कि कौन-कौन से क्षेत्र श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे और किन क्षेत्रों में सीमित प्रवेश रहेगा।
More Stories
फोन पर धमकी देने वाला आरोपी गिरफ्तार, देवरिया पुलिस की बड़ी कार्रवाई
स्केट्स पर सवार हो केदारनाथ की ओर बढ़े दो नौजवान
ईरान पर अमेरिकी हमलों के बाद न्यूयॉर्क और वाशिंगटन हाई अलर्ट पर, धार्मिक और कूटनीतिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ी