Friday, December 26, 2025
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रविवार से प्रारंभ होगा आठ दिवसीय वासंतिक नवरात्र

महाष्टमी एवं महानिशा पूजा 5 अप्रैल को, 6 अप्रैल को श्रीराम जन्मोत्सव

कुशीनगर (राष्ट्र की परम्परा)। इस वर्ष वासंतिक नवरात्र आठ दिवसीय रहेगा, जिसका शुभारंभ रविवार, 30 मार्च को होगा। इस दिन प्रातः 5:53 बजे प्रतिपदा तिथि के साथ सूर्योदय होगा। दिन में 2:14 बजे तक प्रतिपदा, और सायं 6:14 बजे तक रेवती नक्षत्र रहेगा। इसी दिन व्रती कलश स्थापना एवं ध्वजारोहण कर देवी उपासना आरंभ करेंगे। यह जानकारी पं. गोविंद दुबे (वार्ड नंबर 15, मालवीय नगर, सेवरही) ने दी। गोरखनाथ में अध्ययन करने वाले पं. दुबे ने बताया कि इस दिन भारतीय नववर्ष का भी प्रारंभ होगा, जिसके संकल्प में “कालयुक्त नामक संवत्सर” समाहित होगा।महाष्टमी एवं महानिशा पूजा 5 अप्रैल को इस बार पंचमी तिथि का क्षय होने के कारण महाष्टमी व्रत एवं महानिशा पूजा शनिवार, 5 अप्रैल को होगी। इसी दिन रात्रि में भक्तजन माता दुर्गा की विशेष आराधना करेंगे। श्रीराम जन्मोत्सव एवं हवन 6 अप्रैल को महानवमी व्रत रविवार, 6 अप्रैल को किया जाएगा। इस दिन नवरात्रि व्रत रखने वाले भक्त हवन करेंगे। साथ ही श्रीराम जन्मोत्सव का आयोजन मध्यान्ह 11:57 से दोपहर 2:15 बजे तक कर्क लग्न में किया जाएगा। अष्टमी व्रत रखने वाले भक्तगण हवन के उपरांत पारण करेंगे। संपूर्ण नवरात्रि का व्रत रखने वाले श्रद्धालु 7 अप्रैल, सोमवार को व्रत तोड़ेंगे।नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा का महत्व – पं. दुबे ने बताया कि नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने से भक्तों को सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।नए संवत्सर का प्रभाव विक्रम संवत् 2082 एवं शक संवत् 1947 में राजा सूर्य एवं मंत्री सूर्य रहेंगे। इसके फलस्वरूप— राजसत्ता में स्थिरता रहेगी। विश्व व्यापार में सुधार होगा और भारत का पश्चिमी देशों से व्यापार बढ़ेगा। भारत आयात-निर्यात का केंद्र बनेगा, जिससे उसकी वैश्विक ख्याति बढ़ेगी। महंगाई बनी रहेगी और भारत को अपने पड़ोसी देशों से सतर्क रहना होगा।

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