बलिया(राष्ट्र की परम्परा) त्यौहार जीवन में नव स्फूर्ति, चेतना, उमंग, स्नेह एवं आनंद का अनुभव कराते हैं, साथ ही मानवीय गुणों को स्थापित कर लोगों में प्रेम भाईचारे एवं नैतिकता का संदेश देते हैं त्योहार राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधे रहने में अहम भूमिका का भी निर्वाह करते हैं। हमें चाहिए कि हम अपनी संस्कृति एवं एकता को बनाए रखने में विशेष योगदान दें और जाति धर्म के भेद जैसी अफवाहों से बचें उक्त बातें सामाजिक चिंतक बब्बन विद्यार्थी ने रविवार को ब्यासी ढाला स्थित मंगल चबूतरा पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान व्यक्त किया उन्होंने कहा कि प्रकाश का त्यौहार दीपावली का अपना धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक महत्व है लेकिन आज इस त्यौहार में कई प्रकार की बुराइयां भी समाहित हो गई हैं इस त्यौहार के नाम पर लोग अपने हैसियत का प्रदर्शन करते हुए हजारों रुपए यूॅं ही पटाखों में उड़ा देते हैं। अत्यधिक पटाखें जलाना जिस डाल पर बैठे उसी डाल को काटने जैसा है। जिस शुद्ध हवा में हम सांस लेते हैं उसी पटाखों से हम अशुद्ध करते हैं यह कितनी अज्ञानता है कड़े आवाज में पटाखें एवं डीजे बजाने वालों को क्या मालूम कि आसपास रहने वाले हृदय,अस्थमा एवं कमजोर मरीजों पर क्या गुजरती होगी विद्यार्थी ने कहा कि जुआ खेलना इस त्यौहार की सबसे बड़ी बुराई है यदि जुआ नहीं खेला जाए तथा अत्यधिक पटाखें न जलाए जाएं तो यह त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की विजय के अपने संदेश को सार्थक करता नजर आएगा। आज इन बुराइयों को दूर कर इस त्यौहार के उद्देश्यों को सार्थक करने की आवश्यकता है।
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