November 21, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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पिता ने 30 वर्ष तक फौज में दी सेवा अब बेटा सीआरपीएफ में बना सब इंस्पेक्टर

अमनदीप शुक्ल बने सीआरपीएफ में उप निरीक्षक

कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा)l 30 वर्षो तक फौज में अपनी सेवा देने वाले तमकुही विकास खंड के देवपोखर गांव के टोला किशुनदेवपट्टी के अरविंद शुक्ला का बेटा अमनदीप शुक्ल उनके नक्शेकदम पर चल पड़ा है, भारत के प्रमुख केंद्रीय पुलिस बल में शामिल सीआरपीएफ में उसने कोयंबटूर में शनिवार को प्रशिक्षण पूरी की।जिसके बाद पासिंग आउट परेड सेरेमनी और सत्यापन समारोह में अमनदीप शुक्ल को एंटनी जनरल और माता -पिता के उपस्थिति में बैज लगाया गया। इस दौरान देश के सेवा के लिए तैयार होते बेटे को देख पूर्व सैनिक की आंखे डबडबा गईं।मां खुशी से उछल पड़ी। डाक्टर बहन पलों को कैमरे में कैद कर रही थी।

कोयंबटुर के केंद्रीय प्रशिक्षण कॉलेज में शनिवार को पासिंग आउट परेड सेरेमनी आयोजित हुआ,जहां सितंबर 2023 से प्रशिक्षण ले रहे 96 ‘ए’ बैच के 567 कैडेट ट्रेनिंग पूरी कर उपनिरीक्षक बन गए। इसमें जिले के किशुनदेवपट्टी का अमनदीप शुक्ल भी शामिल था।पासिंग परेड सेरेमनी के बाद ज्योहि एंटोनी जनरल की उपस्थिति में माता पिता ने स्टार लगाया।पिता की आंखे नम हो गईं।अमनदीप के पिता अरविंद शुक्ला खुद युवाओं के लिए नजीर हैं और उन्होंने 1985 से लेकर 2015 तक भारतीय सेना में सेवा दी है।उन्ही से प्रेरणा लेकर बेटे ने यह मुकाम हासिल किया।अमनदीप शुक्ल ने पहले इंजीनियरिंग बीटेक की पढ़ाई लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी जालंधर से की थी।लखनऊ से एम.बी.ए कर रहा था इसी बीच तैयारियों में लगा रहा।पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए उनके मार्गदर्शन में तैयारी की और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में उप निरीक्षक बन गया।अमन कोयंबतूर में प्रशिक्षण ले रहा था।उसके इस उपलब्धि पर पिता अरविंद शुक्ला, लल्लन शुक्ला,माता शीला शुक्ला, गीता शुक्ला,बहन डा. अंशु शुक्ला,अमृता शुक्ला, नित्यानंद पाण्डेय, रजनीकांत शुक्ला डमडम,समीर शुक्ला,नन्हे पांडेय,शिशिर पांडेय,आदित्य पाण्डेय,रूपेश पांडेय आदि ने बधाई दी है।

60 के उम्र में भी 20जैसा जोश, पूर्व सैनिक युवाओं के है प्रेरणास्रोत

जिस उम्र में शरीर हार मानने लगता है,आंखो की चमक खत्म होने लगती है और जोश,जुनून और जज्बात में कमी आ जाती है उस उम्र में पूर्व सैनिक 20की उम्र के युवाओं के जैसे प्रांजल मस्तिस्क और जोश से युवाओं के प्रेरणास्रोत बने हुए हैं।90 के दशक से ही सैन्यकर्मियों के मार्गदर्शक व उनके लिए प्रेरणास्रोत बने रहने वाले पूर्व सैनिक अरविंद शुक्ला आज पूरे जिले में युवाओं विशेषकर नई पीढ़ी के लिए एक दृष्टांत हैं।सेना में अपने तीन दशक के सेवा काल में प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना किया।ढलते उम्र और सेवा समाप्ति के बाद अरविंद जब सेना से सेवानिवृत्त हुए तो अपने ही जिंदगी को अपना शिक्षक मानकर आगे बढ़ चले।एक युवा की भांति परीक्षाओं में शामिल होने की ललक कम न हुई क्योंकि उनके सपने बड़े थे।सेना के बाद कोरोना काल में रेलवे में नौकरी की।बाद में सेवरही चीनी कारखाना और हाटा चीनी कारखाना में बतौर चीफ सिक्यूरिटी इंचार्ज तैनाती रही।इसके बाद ज्योंहि गोरखपुर के खाद्य कारखाना को संजीवनी मिली अरविंद शुक्ला को गोरखपुर के हिदुस्तान उर्वरक रसायन लि. फर्टिलाइजर के लोकार्पण के साथ उसमें तैनाती मिल गयी और वर्तमान में वह गोरखपुर में ही तैनात हैं।अरविंद बताते हैं कि आज भी संघर्ष का दामन छोड़ा नहीं है।संघर्ष के डगर से आगे का मार्ग प्रशस्त होता है।आज भी परीक्षा में प्रतिभाग करता रहता हूँ।यूपी अधीनस्थ सेवा आयोग की भी परीक्षा उतीर्ण की है लेकिन जिले के पास बने रहकर युवाओं के लिए कुछ करने की लालसा है।अरविंद ने पूरे कोरोना में मजदूरों को सहारा दिया था। लॉक डाउन के समय में जब ट्रेन की पटरियों के रास्ते मजदूर जाते रहे तब भी अरविंद ने उनकी सेवा की थी।

देश की रक्षा की, बेटा-बेटी को भी दिया वही सीख

  • खुद तीन दशक तक देश सेवा में खुद को समर्पित रखने वाले अरविंद शुक्ल ने अपने संतानों को भी देश सेवा में समर्पित करने का सपना पाला था जिसे उन्होंने सफल बना दिया।अरविंद की पुत्री अंशु शुक्ला ने पिछले साल एमसीआई की परीक्षा पहले ही प्रयास में उतीर्ण कर ऑल इंडिया 10वां तथा यू.पी.में 5वा रैंक हासिल किया था।वह दिल्ली में इंटर्नशिप कर रही हैं इसके बाद वह भी देश सेवा करेगी।इसके साथ ही बेटा भी सब इंस्पेक्टर बन चुका है।अरविंद बताते हैं कि संतानों को लेकर जो सपना था वह सच हो गया है।इसमें पत्नी का भी बड़ा अहम योगदान है।