Thursday, November 27, 2025
Homeउत्तर प्रदेशवक्त का करवट

वक्त का करवट

योग्यता कर्म से ही पैदा होती है,
जन्म से तो व्यक्ति शून्य होता है,
जीवन के अनुभव सुख दुःख देते हैं,
ज्ञान व अनुभव जीवनाधार होते हैं।

जब इंसान करवट लेता है
तो दिशा बदल जाती है,
जब वक्त करवट लेता है,
तब तो दशा बदल जाती है।

उन व्यक्तियों के जीवन में आनंद
और शांति कई गुणा बढ़ जाती हैं,
जो अपनी प्रशंसा और निंदा में
भी एक जैसा रहना सीख लेते हैं।

सच्चे सरल इंसान कभी अपनी
प्रशंसा के मोहताज नहीं होते हैं,
क्योंकि असली फूल कभी भी
कहीं भी इत्र जैसे ही महकते हैं।

अक्सर दूसरों की बुराई करने व
सुनने में बहुत आनंद आता है,
पर खुद की बुराई सुनकर इंसान
क्यों आग बबूला हो जाता है ?

इंसान का आत्म विश्वास, एक
पहाड़ को भी खिसका सकता है,
लेकिन उसी इंसान का शक, एक
बड़ा पहाड़ भी खड़ा कर सकता है।

वास्तव में जीवन की शुरुआत नई
सुबह सी ख़ुशियों से आरम्भ होती है,
पर आदित्य यह स्थिति अपने क़र्म
व अपनी नियति पर निर्भर होती है।

कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments