
प्रेम, स्नेह, मर्यादा, धैर्य, त्याग, क्षमा,
कठोर परिश्रम एवं निरन्तर सीख व
अभ्यास से इसे सुंदर बनाना पड़ता है,
जीवन यूँ ही नहीं सुंदर हो जाता है।
आओ सनातन को पूर्ण मज़बूत करो,
सब मिलकर सनातन को अपनाओ,
ग़ैरों की परम्परा से क्या लेना देना है,
सनातनी बनो, सनातन को अपनाओ।
कोशिश करते रहिये, हार नहीं होगी,
रिश्ते आपस में तनाव में आ जाते हैं,
धैर्य के साथ सुलझाने की कोशिश हो,
हृदय से क्षमा करने का प्रबल भाव हो।
रिश्ते पुन: सुधरने में तब देर नहीं होगी,
घर परिवार समाज और पूरे देश में भी,
सामंजस्य, स्नेह व सद्भावना फैलेगी,
आदित्य कोशिश करो हार नहीं होगी।
- कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
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