स्त्री तो माता लक्ष्मी है,
पार्वती व सरस्वती है,
दुर्गा काली भी वह है,
सत्यवान की सावित्री है।
झाँसी की रानी है,
स्त्री इंदिरा गांधी है,
कल्पना चावला है,
नीरजा भनोट भी है।
स्मृति ईरानी भी है,
राबड़ी देवी भी है,
प्रियंका वाड्रा है,
हेमा मालिनी है।
मायावती,ममता बनर्जी,
डिम्पल यादव भी वो है,
देश की राष्ट्रपति भी हैं,
नाम द्रौपदी मूर्मू जी है।
मानो तो स्त्री देवी है,
श्रद्धा और शबूरी है ,
ना मानो तो जो मानो,
पर स्त्री धरती माँ है।
स्त्री में इतनी शक्ति है,
यमराज से सत्यवान
पति को वापस लायी है,
वट सावित्री कहलायी है।
शबरी ने युगों युगों तक
राम की प्रतीक्षा की थी,
आदित्य जूठे बेर खिलाकर
प्रेम भक्ति प्रदर्शित की थी।
कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
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