देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत दो दिवसीय कृषक गोष्ठी का आयोजन देवरिया महोत्सव चीनी मिल ग्राउण्ड पर शुक्रवार को किया गया। गोष्ठी के मुख्य अतिथि सदर सांसद प्रतिनिधि रविन्द्र प्रताप मल्ल थे तथा मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पाण्डेय की अध्यक्षता में कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया।
मुख्य अतिथि रविन्द्र प्रताप मल्ल सांसद प्रतिनिधि / पूर्व विधायक द्वारा कृषकों को उद्यान विभाग में संचालित योजनाओं का लाभ लेने हेतु उत्साहित किया गया। इनके द्वारा यह भी बताया गया कि जिला सहकारी बैंक बहुत ही कम ब्याज दर से (३ प्रतिशत) कृषकों को लोन उपलब्ध कराया जा रहा है। कृषक बन्धु उद्योग विभाग से खाद्य प्रसंस्करण से सम्बन्धित उद्योग लगाकर योजना का लाभ व अधिक आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।
मुख्य विकास अधिकारी द्वारा कृषि व उद्यान विभाग की योजनाओं/गोष्ठी आदि कार्यक्रमों का लाभ लेते हुए खेती की नवीनतम तकनीक के साथ खेती करने की सलाह दी गयी कि कृषि के विकास से ही देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
जिला उद्यान अधिकारी श्री रामसिंह द्वारा उर्वरकों/दवाओं का संतुलित प्रयोग करने, जैविक रोग/कीट नियंत्रण पर जोर देते हुए औद्यानिक फसलों की खेती करने हेतु कृषकों प्रेरित किया गया। इनके द्वारा उद्यान विभाग में संचालित योजनाओं का लाभ लेने एवं शाकभाजी / फल की खेती से कृषकों की आय बढ़ाने पर चर्चा की गयी।
कृषि विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष / वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ० मान्धाता सिंह स्ट्रॉबेरी एवं ड्रैगन फ्रूट के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अधिक उत्पादन लेने की नवीनतम तकनीकी के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक चर्चा की गयी। डॉ० मान्धाता सिंह द्वारा बताया गया कि स्ट्राबेरी की खेती पहले विदेशों में ही की जाती थी, 1960 से इसकी खेती भारत में प्रारम्भ की गयी। एक एकड़ क्षेत्रफल में ड्रिप सिस्टम के साथ खेती करने से 7-8 लाख रूपये की आमदनी प्राप्त की जा सकती है। ड्रैगन फूट एक बार लगाने के बाद लगातार कई वर्षों तक अच्छी आमदनी प्राप्त की जाती है।
एन.एच.आर. डी.एफ. के प्रभारी अधिकारी डॉ० विनोद सिंह द्वारा खरीफ मौसम में प्याज की खेती कर कृषक अतिरिक्त रूप से अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। प्याज की मुख्य फसल/खरीफ मौसम की खेती की तकनीकी जानकारी रोग एवं कीट नियंत्रण किसान कैसे करें, इसपर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी।
प्रतिनिधि जी०एम०डी०आई०सी० देवरिया द्वारा खाद्य प्रसंस्करण से सम्बन्धित लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के सम्बन्ध में अपने विभागीय कार्यक्रमों की जानकारी दी गयी। प्रगतिशील कृषक कृष्ण मोहन पाठक द्वारा परवल की खेती के लाभ व खेती करने के अपने अनुभव कृषकों में साझा किया गया। कृष्ण मोहन पाठक द्वारा आम/अमरूद की बागवानी विशेष कर हाथी झूल आम के बारे में चर्चा करते हुए कृषकों को बागवानी को अपनाने की सलाह दी गयी।
बी०आर०डी०पी०जी० कॉलेज के प्रोफेसर डॉ० सत्येन्द्र कुमार सिंह द्वारा लोटनल में पौध उत्पादन व पपीते की खेती के बारे में नवीनतम तकनीकी जानकारी कृषकों में साझा की गयी। कृषि विज्ञान केन्द्र मल्हना के वैज्ञानिक डॉ० रजनीश श्रीवास्तव द्वारा तिलहन, दलहन व शाकभाजी की खेती करने हेतु कृषकों को प्रेरक व्याख्यान दिये गये। डॉ० श्रीवास्तव द्वारा आंकड़े प्रस्तुत किये गये कि फल शाकभाजी की खेती से कृषक की आय बढ़ाने की प्रबल संभावना है। कृषक को नवीन वैज्ञानिक विधियों व यंत्रो का प्रयोग अच्छा उत्पादन व आमदनी प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। गोष्ठी का संचालन ओंकार नाथ दूबे द्वारा किया गया। अन्त में मुख्य अतिथि द्वारा कार्यक्रम समापन की घोषणा की गयी।
गोष्ठी में उप निदेशक उद्यान गोरखपुर मण्डल गोरखपुर, उप कृषि निदेशक देवरिया, कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ० मान्धाता सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ० रजनीश श्रीवास्तव, एन.एच. आर.डी.एफ. के प्रभारी अधिकारी/वैज्ञानिक डॉ० विनोद सिंह, बी०आर०डी०पी०जी० कॉलेज के प्रोफेसर डॉ० सत्येन्द्र सिंह, जिला कृषि अधिकारी देवरिया, भूमि संरक्षण अधिकारी देवरिया, जिला गन्ना अधिकारी देवरिया, प्रतिनिधि जी०एम०डी०आई०सी० देवरिया, प्रगतिशील कृषक कृष्ण मोहन पाठक, राघवेन्द्र शाही व अन्य प्रगतिशील कृषक तथा उद्यान एवं कृषि विभाग के कर्मचारी गोष्ठी में भाग लिये।
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