नई दिल्ली(राष्ट्र की परम्परा)
दिल्ली और उत्तर भारत में सफदरजंग पहला अस्पताल होगा जहां स्किन बैंक का उद्घाटन चिकित्सा अधीक्षक डॉ बीएल शेरवाल एवं डॉ वंदना तलवार ओएसडी द्वारा प्रोफेसर गीतिका खन्ना प्रिंसिपल वीएमएमसी, सभी एडीएल एमएस, डॉ शलभ कुमार एचओडी बर्न विभाग की प्रतिष्ठित उपस्थिति में किया गया। प्लास्टिक सर्जरी, वरिष्ठ संकाय और एवं अन्य कर्मचारी इस ऐतिहासिक अवसर पर उपस्थित रहे। स्किन बैंक एक ऐसा बैंक है जहां मृत व्यक्ति अपनी त्वचा दान कर सकते हैं।
डॉ. शेरवाल एमएस एसजेएच ने कहा कि यह दान की गई त्वचा जले हुए रोगियों के इलाज में बहुत मददगार होगी। विशेष रूप से जले हुए और अन्य जख्मी अंग पर इस त्वचा का इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल के लिए एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है।
बर्न्स एंड प्लास्टिक सर्जरी के एचओडी डॉ. शलभ ने बताया कि भारत में हर साल लगभग 7 से 10 मिलियन लोग झुलस जाते हैं। इनमें से 1.4 लाख लोगों की जान चली जाती है और 1.5 लाख लोगों में विभिन्न विकृतियां विकसित हो जाती हैं। इसलिए यह समस्या बहुत बड़ी है और हमें इससे निपटने की जरूरत है। मृत व्यक्ति की त्वचा मृत्यु दर को कम करेगी और इन रोगियों में जीवित रहने की दर में वृद्धि करेगी और सकारात्मक परिणाम में सुधार होगा , अस्पतालों में रहने और उपचार की कुल लागत को भी कम करेगी।
मृत्यु के छह घंटे के भीतर किसी भी मृत व्यक्ति द्वारा त्वचा का दान किया जा सकता है और फिर इसे स्किन बैंक में संसाधित किया जाएगा और संग्रहित किया जाएगा और आगे जरूरतमंद रोगियों को प्रदान किया जाएगा। त्वचा को तीन से पांच साल तक स्टोर किया जा सकता है। इसके लिए किसी रक्त समूह या किसी अन्य मिलान की आवश्यकता नहीं है। किसी भी रोगी में किसी भी दाता की त्वचा का उपयोग किया जा सकता है। पोस्ट ऑपरेटिव अवधि में इम्यूनो सप्रेसेंट्स और स्टेरॉयड की कोई आवश्यकता नहीं है।
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