तीसरे दिन तेजस्वी यादव के भाषण पर सत्ता-विपक्ष में तीखी नोकझोंक, ‘सदन किसी के बाप का नहीं’ बयान से मचा हंगामा - राष्ट्र की परम्परा
August 18, 2025

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तीसरे दिन तेजस्वी यादव के भाषण पर सत्ता-विपक्ष में तीखी नोकझोंक, ‘सदन किसी के बाप का नहीं’ बयान से मचा हंगामा

पटना(राष्ट्र की परम्परा) बिहार विधानसभा का मानसून सत्र बुधवार को तीखी राजनीतिक गर्माहट और हंगामे की भेंट चढ़ गया। सत्र के तीसरे दिन स्पेशल इलेक्टोरल रिवीजन (विशेष मतदाता पुनरीक्षण) के मुद्दे पर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के भाषण के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस और आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला।

तेजस्वी यादव जब सदन में बोल रहे थे, उन्होंने सरकार पर तीखे प्रहार करते हुए मतदाता सूची में गड़बड़ियों और प्रशासनिक निष्क्रियता का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है और यह लोकतंत्र के लिए खतरे का संकेत है।

तेजस्वी के भाषण के दौरान सत्ता पक्ष के कुछ विधायकों ने बार-बार टोका-टोकी शुरू कर दी, जिससे माहौल और गरम हो गया। इसी बीच राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने तीखे शब्दों में प्रतिवाद करते हुए कहा – “सदन किसी के बाप का नहीं है। विपक्ष को भी अपनी बात रखने का अधिकार है।”

भाई वीरेंद्र के इस बयान पर सत्ता पक्ष भड़क उठा और जोरदार हंगामा शुरू हो गया। सत्ताधारी दल के विधायकों ने इसे अमर्यादित भाषा करार देते हुए माफी की मांग की। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए बाधित हो गई और अध्यक्ष को हस्तक्षेप करना पड़ा।

हालांकि, विपक्ष अपने रुख पर कायम रहा और तेजस्वी यादव ने बयान को सही ठहराते हुए कहा कि “यह सदन लोकतंत्र का मंदिर है, और यहां हर सदस्य को अपनी बात रखने का अधिकार है।”

इस घटनाक्रम के बाद राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी तेज हो गई है। जदयू और भाजपा नेताओं ने भाई वीरेंद्र के बयान की निंदा करते हुए कहा कि सदन की गरिमा को बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।

वहीं राजद ने पलटवार करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष असहिष्णुता का परिचय दे रहा है और विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहा है।

क्या है स्पेशल इलेक्टोरल रिवीजन का मुद्दा?
स्पेशल इलेक्टोरल रिवीजन के तहत मतदाता सूची की समीक्षा और अद्यतन की प्रक्रिया की जाती है। विपक्ष का आरोप है कि इसमें गड़बड़ियां की जा रही हैं और बड़ी संख्या में वास्तविक मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं।

फिलहाल स्थिति:
बिहार विधानसभा का मानसून सत्र आगामी दिनों में और भी गरम रहने की संभावना है, क्योंकि कई महत्वपूर्ण मुद्दे चर्चा के लिए तय हैं। विपक्ष सरकार को हर मोर्चे पर घेरने की तैयारी में है, वहीं सत्ता पक्ष भी जवाब देने को पूरी तरह से तैयार नजर आ रहा है।