
दिल्ली और उत्तर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव भी होंगे प्रभावित
नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा)।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संगठनात्मक स्तर पर एक बड़े परिवर्तन की ओर अग्रसर है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति अब अंतिम चरण में है। चुनाव की पात्रता प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है और अब औपचारिक घोषणा की प्रतीक्षा की जा रही है।
विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो पार्टी नेतृत्व ने यह निर्णय लिया है कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया, नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा के बाद ही शुरू की जाएगी। भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, “राष्ट्रीय नेतृत्व में परिवर्तन के बाद ही राज्यों में संगठनात्मक फेरबदल को अंतिम रूप दिया जाएगा, ताकि एक समन्वित रणनीति के तहत आगामी चुनावों की तैयारी हो सके।”
क्यों है यह निर्णय महत्वपूर्ण?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उत्तर प्रदेश और दिल्ली भाजपा के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम हैं। उत्तर प्रदेश, जहाँ लोकसभा की सर्वाधिक सीटें हैं, आगामी 2027 विधानसभा चुनाव और 2029 लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए निर्णायक भूमिका निभाएगा। वहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी से सीधी टक्कर के लिए मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
क्या हो सकता है समय-क्रम?
राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा: जुलाई के तीसरे सप्ताह तक संभावित प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव: अगस्त की शुरुआत में प्रक्रिया शुरू हो सकती है
वर्तमान परिप्रेक्ष्य
भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा का कार्यकाल पहले ही विस्तार पाकर जून तक बढ़ाया गया था। अब संगठन के भीतर नए नेतृत्व को लेकर चर्चा तेज हो गई है। यह भी संभावना है कि नया अध्यक्ष आने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएगा।
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