
वृक्षारोपण अभियान-2025 में लापरवाही का जंगल: लक्ष्य का मात्र 3.41% पौध उठान, अधिकांश विभागों की कार्यप्रणाली पर सवाल
बलिया (राष्ट्र की परम्परा) पर्यावरण संरक्षण को लेकर सरकार भले ही वृक्षारोपण अभियान को लेकर गंभीर और सजग दिखाई दे रही हो, पर ज़मीनी सच्चाई इससे उलट है। आंकड़े यह बताते हैं कि अधिकांश विभागों की घोर लापरवाही इस अभियान को केवल कागजों तक सीमित कर रही है। वर्ष 2025-26 के लिए बलिया जनपद में कुल 27,99,200 पौधों के रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन जुलाई के पहले सप्ताह तक मात्र 88,775 पौधों का ही उठान हो सका है, जो कि केवल 3.41% है। यह स्थिति न सिर्फ चिंताजनक है बल्कि सरकारी तंत्र की गंभीरता पर भी सवाल खड़े करती है।
सबसे अधिक लापरवाह: ग्राम्य विकास विभाग
ग्राम्य विकास विभाग के पास सर्वाधिक 16,64,000 पौधों का लक्ष्य था, लेकिन अब तक मात्र 31,950 पौधों का उठान हो पाया है। यानी सिर्फ 1.92%। इतनी बड़ी जिम्मेदारी और इतनी कम प्रगति, यह विभागीय निष्क्रियता की पराकाष्ठा को दर्शाता है।
कुछ विभागों की आंशिक प्रगति
जल निगम, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ने अपने निर्धारित 52,000 पौधों में से 18,500 पौधों का उठान कर 35.58% प्रगति दिखाई है। ऊर्जा विभाग ने निर्धारित 6,160 पौधों के मुकाबले 11,500 पौध उठाकर 57.5% लक्ष्य पार कर लिया है, लेकिन यह “अधिक उठान” अभियान की निगरानी पर सवाल उठाता है। नगर विकास विभाग ने 20,000 के लक्ष्य में से 14,720 पौधों के उठान के साथ 73.6% की सराहनीय प्रगति की है।पशुपालन विभाग भी 8,000 पौधों के लक्ष्य में से 6,155 पौधे उठाकर 76.94% तक पहुँचा है।
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र की सुस्त रफ्तार
प्राथमिक शिक्षा विभाग द्वारा 5,000 पौधों के लक्ष्य में से मात्र 550 पौधों का उठान किया गया है, जो 11% है। स्वास्थ्य विभाग ने 11,000 पौधों के लक्ष्य में से 5,400 पौधे उठाकर 49.09% की आंशिक प्रगति जरूर दर्ज की है।
चौंकाने वाला आंकड़ा: कृषि विभाग का शून्य उठान
अभियान की सबसे चौंकाने वाली जानकारी यह है कि कृषि विभाग द्वारा 3,41,000 पौधों के निर्धारित लक्ष्य के बावजूद एक भी पौधे का उठान नहीं किया गया है। यह उस विभाग के लिए गंभीर प्रश्न है जिसकी भूमिका ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक मानी जाती है।
सात विभागों की पूरी निष्क्रियता
अब तक सात विभागों – लोक निर्माण विभाग, उद्योग विभाग, उद्यान विभाग, पंचायतीराज विभाग, श्रम विभाग, राजस्व विभाग और उच्च शिक्षा विभाग – ने अभियान की शुरुआत तक नहीं की है। इन सभी का पौध उठान शून्य है।
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