
शांति व्यवस्था के पुख्ता इंतज़ाम

(कन्हैया कुमार यादव की रिपोर्ट)
बघौचघाट, देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)।
मुहर्रम का पर्व, जो शहादत, सब्र और सामाजिक एकता का प्रतीक है, रविवार को पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर विकास खंड पथरदेवा क्षेत्र के विभिन्न गांवों और कस्बों में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा ताजिया निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। वहीं क्षेत्र में अमन-चैन और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने हेतु स्थानीय पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है।
थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार अस्थाना अपनी पुलिस टीम के साथ ताजिया जुलूस मार्ग और मेला क्षेत्रों का लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। वे ताजियेदारों से संवाद स्थापित कर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं। चौक-चौराहों पर पुलिस की तैनाती सुनिश्चित की गई है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
इस बीच चौकी मिलन समारोह का आयोजन भी बड़े उत्साह के साथ किया गया, जिसमें क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से आए युवाओं ने शानदार करतब दिखाकर उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया। तलवारबाज़ी, लाठी डांस, अग्नि करतब सहित अन्य पारंपरिक शारीरिक कौशल का जीवंत प्रदर्शन हुआ।
समारोह के दौरान मौजूद डॉ. कमरे आलम ने कहा, “हज़रत इमाम हुसैन की शहादत किसी मज़हब की नहीं बल्कि इंसानियत, सच्चाई और न्याय की रक्षा का प्रतीक है। यह बलिदान हमें चरित्र, संयम और साहस की प्रेरणा देता है।”
वहीं मौलाना बदरुद्दीन ने कहा, “इमाम हुसैन ने इस्लाम में फैल रही बुराइयों को समाप्त करने और अपने नाना पैगंबर मोहम्मद साहब के बताए रास्ते की रक्षा हेतु कर्बला में शहादत दी। यह शहादत इस्लाम को बचाने की एक ऐतिहासिक मिसाल है।”
समारोह में विभिन्न समुदायों की सहभागिता और युवाओं की सक्रियता यह दर्शाती है कि मुहर्रम केवल मजहबी पर्व नहीं, बल्कि मानवीय मूल्यों, न्याय और भाईचारे का प्रतीक बन गया है।
स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने भी शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है।
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