December 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

अपना शरीर ही अपना मंदिर है

जीवन के उत्तरार्ध में पहुँचें जब,
स्वास्थ्य का ख़ुद ध्यान रखें तब,
अपना रक्तचाप व रक्तशर्करा भी
समय समय पर नापते रहें तब।

नमक, शर्करा और स्टार्चयुक्त
चीजें ख़ाना कम कर देना होगा,
हरी सब्ज़ियाँ, हरी फली, फल,
सूखे मेवे भी खाने में लेना होगा।

अपनी आयु, पहले की बीती यादें,
अपनी इच्छाओं को भूलना होगा,
मित्र व परिवार प्यार करने वाला हो,
सोच सही व अपना शयनकक्ष हो।

नियत अंतराल पर वृत रखना,
हँसने हसानें का हृदय रखना,
नियमित व्यायाम, टहलना और
योग, प्राणायाम अवश्य करना।

शरीर का वजन नहीं बढ़ने पाये,
सामाजिक स्तर नहीं गिरने पाये,
परोपकार व दूसरों की मदद करें,
जीवन में नियमित इनका ध्यान रखें।

थोड़ा थोड़ा भोजन कई बार करें,
पानी पीते रहने का भी ध्यान रखें,
आवश्यक निद्रा नियमित लेना है,
थक जाने से पहले ही विश्राम करें।

स्वास्थ्य परीक्षण नियमित करवायें,
बीमार पड़ने का न इंतज़ार करें,
अपना शरीर ही अपना मंदिर है,
आदित्य आवश्यक देखभाल करें।

कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’