देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण देवरिया व यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में जनपद के 10 विभागों के 20 अधिकारियों का चार दिवसीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण विषय पर कार्यशाला का आयोजन कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में शुरू हुआ।
जिलाधिकारी ने कहा कि आपदाओं के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले समूहों में बच्चे, बुजुर्ग, दिव्यांग तथा गर्भवती महिलाएं सम्मिलित होती हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा के लिए योजना का निर्माण होना आवश्यक है। आपदाओं के पश्चात होने वाली क्षति का न्यूनीकरण ही इस कार्यशाला का मूल उद्देश्य है। अपर जिलाधिकारी नागेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि आपदाओं के पूर्व तैयारी ही आपदा से बचाव का बेहतर विकल्प हो सकता है और इसके लिए जन जागरूकता बेहतर माध्यम है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से विभिन्न विभागों के अधिकारी प्रशिक्षित होकर अपने- अपने विभागों के माध्यम से बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में कार्य कर सकेंगे। फील्ड कोऑर्डिनेटर विजय प्रताप सिंह ने आपदा के प्रकार और विभिन्न तरीके के आपदाओं में किए जाने वाले बचाव, जिसमें विशेष रूप से बाढ़ और भूकंप के संदर्भ में प्रतिभागियों को बताते हुए कहा कि यदि बाढ़ के पूर्व अच्छी तैयारी की जाए और बाढ़ के दौरान उसको सही तरीके से क्रियान्वित किया जाए तो बेहतर रिजल्ट लिया जा सकता है। यूनिसेफ के मंडलीय सलाहकार पेयजल एवं स्वच्छता कमलेश पांडेय ने स्वच्छ पेयजल उनके स्रोतों के रखरखाव उनके उपयोग तथा दूषित जल के निस्तारण की विधियों के साथ-साथ शौचालय की उपलब्धता, उपयोग आदि की जानकारी दी। आपदा प्रबंधन के वरिष्ठ प्रशिक्षक अजीत तिवारी ने व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ हाथ धुलने के तरीके और उनसे होने वाली बीमारियों के संदर्भ में बताया। जल जीवन मिशन के मंडलीय सलाहकार धर्मेंद्र कुमार ने स्कूल स्वच्छता तथा पेयजल स्रोतों की उपयोगिता, रखरखाव, जल गुणवत्ता की जांच तथा दूषित जल से होने वाली बीमारियों के संदर्भ में प्रतिभागियों को बताया। प्रशिक्षण में सीओ जिलाजीत, निरीक्षक परमात्मा प्रसाद, स्वास्थ्य विभाग से डॉ. पीएन कन्नौजिया, डॉ. आरपी यादव, बिंदा सिंह, चंद्रभूषण मणि, बेसिक शिक्षा से नवनीत चौबे, प्रभात कुमार राय, बाल विकास से कौशल किशोर सिंह, गोपाल सिंह, श्रम विभाग से शशि सिंह श्रम प्रवर्तन अधिकारी मौजूद रहीं।
डीएम की अध्यक्षता में आपदा जोखिम न्यूनीकरण विषय पर आयोजित हुई कार्यशाला
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