बघौचघाट,देवरिया(राष्ट्र की परम्परा) देवरिया के पथरदेवा एवं बघौचघाट क्षेत्र में जितिया पर्व पर महिलाओं ने संतान की मंगल कामना एवं दीर्घायु होने के लिए रविवार को जीवित्पुत्रिका व्रत रखा। महिलाओं ने व्रत की शुरुआत रविवार की भोर में कुल की परंपरा के अनुसार अपने पितरों को नैवेध अर्पित करने के उपरांत सरगही के रूप में दही,चीउरा आदि ग्रहण कर किया। जो 24 घंटे का निर्जला उपवास के बाद सोमवार को पारन करेंगी।शाम को व्रती महिलाएं नदीघाट,पोखरे एवम घर पर स्नान किया।इस दौरान व्रती महिलाएं खनुआ नदी बघौचघाट,पचरुखिया घाट,पकहा घाट,कोइरी पट्टी घाट,कोईलसवा घाट,अहिरौली घाट पर पहुंच कर एवम घर स्नान किया।उसके बाद अपने अपने पितरों को परंपरा के अनुसार विधि विधान से पूजन अर्चन एवं बरियार के पेड़ को गले लगाया।उसके बाद मंदिर में पहुंचकर पंडितो एवं आचार्य द्वारा जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनी।और गले में धागे की माला धारण किया। इसके साथ ही संतान की दीर्घायु की मंगल कामना का आशीर्वाद मांगी।वही प्रति महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाकर सुहाग की सलामती की कामना की। मेंदीपट्टी स्थित श्री ठाकुर जी मंदिर के पुजारी पंडित बृजेश पांडेय ने बताया कि संतान के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है।इस व्रत को रखने से संतान पर आने वाले विपत्ति दूर होती है।