
पटना (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) राजधानी की कानून-व्यवस्था पर भरोसे को हिला देने वाली एक बड़ी घटना सामने आई है। गांधी मैदान थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर (एसआई) इजहार अली को वाहन चेकिंग के दौरान बरामद हुई भारी-भरकम नकदी में हेराफेरी के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। आरोप इतना गंभीर है कि इससे सिर्फ एक दारोगा की साख ही नहीं, बल्कि पूरी पुलिस व्यवस्था की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, जेपी गोलंबर के पास वाहन चेकिंग के दौरान एक बाइक सवार युवक किशोर राउत (निवासी—मधुबनी, वर्तमान—बुद्धा कॉलोनी पटना) को रोका गया। तलाशी लेने पर उसके पास से करीब 20 लाख रुपये बरामद हुए। लेकिन थाने और वरीय अधिकारियों को दी गई जानकारी में सिर्फ 2.50 लाख रुपये दिखाए गए। आरोप है कि शेष 17.50 लाख रुपये गायब कर दिए गए।
जैसे ही मामला उजागर हुआ, एसआई इजहार अली को तत्काल निलंबित कर दिया गया और पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी गई है। यह घटना न सिर्फ पुलिस की कार्यशैली पर, बल्कि जनता के भरोसे पर भी गहरी चोट करती है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब कानून व्यवस्था की रक्षा का जिम्मा जिन पर है, उन्हीं पर ईमानदारी पर दाग लगने लगें, तो जनता किस पर भरोसा करे?