मुंबई (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र के एक विधानसभा क्षेत्र सहित मतदाता सूची में अनियमितताओं के नए आरोपों ने राज्य की सियासत में हलचल मचा दी है। राहुल गांधी ने गुरुवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर ‘‘वोट चोरों’’ और ‘‘लोकतंत्र की हत्या करने वालों’’ को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र सहित कई जगहों पर कांग्रेस समर्थकों के वोट सुनियोजित तरीके से हटाए गए।
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इन आरोपों के बाद विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग कर दी। विपक्षी राकांपा (सपा) ने कहा कि गांधी के आरोपों ने भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) की ईमानदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और अब इसकी स्वतंत्र जांच कराना आवश्यक है।
वहीं, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राहुल गांधी के आरोपों को ‘‘पूरी तरह निराधार’’ बताते हुए खारिज कर दिया। शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि कर्नाटक, तेलंगाना और पंजाब में भी चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रही है। उन्होंने राहुल गांधी को चुनौती दी कि वे निर्वाचन आयोग में इस बारे में औपचारिक हलफनामा दाखिल करें।
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> ‘‘कांग्रेस ने कर्नाटक के आलंद निर्वाचन क्षेत्र में उसी चुनाव प्रणाली के तहत जीत हासिल की थी, जिस पर अब राहुल गांधी सवाल उठा रहे हैं। जब कांग्रेस ख़ुद चुनाव जीत रही है, तो वहां वोट चोरी का आरोप कैसे लगाया जा सकता है?’’
उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी हर चुनाव हारने के बाद चुनाव प्रक्रिया, ईवीएम और मतदाता सूचियों पर सवाल उठाते हैं। कटाक्ष करते हुए शिंदे ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने अपने संवाददाता सम्मेलन में ‘‘हाइड्रोजन बम गिराने’’ का इरादा जताया था, लेकिन वह ऐसा करना भूल गए।
राहुल गांधी के आरोपों से शुरू हुआ यह विवाद अब सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच तीखे वाकयुद्ध का रूप ले चुका है, जबकि चुनाव आयोग पर भी दबाव बढ़ता दिख रहा है।
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