लेह में Gen-Z ने भयंकर बवाल मचाया
लद्दाख (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)लद्दाख की सियासत और सामाजिक संघर्ष एक बार फिर उबाल पर है। लेह में बुधवार को राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची लागू करने की माँग को लेकर किया गया विशाल विरोध प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारी युवाओं ने पुलिस पर पथराव किया और भाजपा कार्यालय के बाहर खड़े एक सुरक्षा वाहन में आग लगा दी। हालात काबू से बाहर होते देख सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने और लाठीचार्ज करना पड़ा।
अधिकारियों के मुताबिक स्थिति नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं। आंदोलन का नेतृत्व कर रही लेह एपेक्स बॉडी (LAB) की युवा शाखा और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) का कहना है कि यह गुस्सा केंद्र सरकार की उदासीनता और लंबित माँगों को नजरअंदाज करने का नतीजा है।
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कारगिल डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता सज्जाद कारगिली ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, “लद्दाख, जो कभी शांति का प्रतीक था, अब असफल केंद्र शासित प्रदेश प्रयोग के कारण निराशा और असुरक्षा में घिर गया है। सरकार को तुरंत संवाद बहाल करना चाहिए और छठी अनुसूची व राज्य का दर्जा देने की माँग को मान लेना चाहिए।”
इस बीच, भूख हड़ताल कर रहे 15 कार्यकर्ताओं में से दो की हालत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रसिद्ध जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक भी इस लंबे आंदोलन का हिस्सा हैं। इसी उग्र माहौल की वजह से लेह में चल रहा चार दिवसीय लद्दाख महोत्सव भी अंतिम दिन रद्द करना पड़ा।
केंद्र सरकार और लद्दाख के प्रतिनिधियों के बीच अब 6 अक्टूबर को वार्ता का नया दौर तय किया गया है। लोग इस बातचीत से ठोस समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।
