
उतरौला /बलरामपुर, (राष्ट्र की परम्परा)। आज़ादी के बाद भी सड़क की सुविधा से वंचित ग्रामीणों को अब भी कच्चे रास्तों पर चलने को मजबूर होना पड़ रहा है। सरकार जहाँ एक ओर स्मार्ट गाँव बनाने और ग्रामीण विकास की बड़ी-बड़ी बातें करती है, वहीं उतरौला विकास खंड के अंतर्गत श्रृंगार जोत मार्ग से बभनी बुर्जुग डीह तक जाने वाला रास्ता आज भी बदहाल है।
बताया जा रहा है कि इस मार्ग का आंशिक डामरीकरण तो किया गया, लेकिन आगे की सड़क कच्ची रह गई, जो बरसात में किसी दलदल से कम नहीं लगती। मुख्य रूप से तीन किलोमीटर की यह दूरी यदि सीसी सड़क से पक्की कर दी जाए तो देवरिया अर्जून सहित दर्जनों गाँवों के लोगों को आवागमन में भारी राहत मिलेगी।
ग्रामीणों का कहना है कि यह क्षेत्र बाढ़ प्रभावित होने के कारण बरसात में सड़क पूरी तरह से कीचड़ में तब्दील हो जाती है। किसानों को खेतों तक मशीनरी और ट्रैक्टर ले जाने में भारी दिक्कतें आती हैं। बभनी बुर्जुग, तिलखी बढ़या, मटियारिया कर्मा और मोहनजोत गाँव के किसानों की खेती योग्य जमीन ‘गनियारी’ के नाम से जानी जाती है, लेकिन सड़क न होने से खेती का काम भी प्रभावित होता है।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि दबंगों ने मिट्टी की इस सड़क को काटकर खेत बना लिया है। यदि शीघ्र ही इस पर कार्य न हुआ तो सड़क का अस्तित्व पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।
ग्रामीण सीताराम, माधव शरण श्रीवास्तव, भगवत प्रसाद मिश्रा, वेदव्रत मिश्रा और जगराम यादव ने शासन-प्रशासन से तत्काल इस मार्ग पर सीसी सड़क निर्माण कराने की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक यह समस्या दूर नहीं होगी, तब तक ग्रामीण विकास की तस्वीर अधूरी ही रहेगी।