
लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) राजधानी लखनऊ में स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत एक बार फिर सवालों के घेरे में है। विभिन्न सरकारी अस्पतालों में 54 से ज्यादा वेंटिलेटर मशीनें या तो खराब पड़ी हैं या फिर स्टाफ की कमी के कारण उपयोग में नहीं आ रही हैं। सबसे चिंताजनक स्थिति लोकबंधु अस्पताल की है, जहां 30 में से 26 वेंटिलेटर बंद पड़े हैं।
बलरामपुर, रानी लक्ष्मीबाई, लोकबंधु समेत कई अस्पतालों में गड़बड़ी,बलरामपुर अस्पताल में उपलब्ध 40 वेंटिलेटरों में से 10 मशीनें निष्क्रिय हैं।
रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल में वेंटिलेटर तो मौजूद हैं, लेकिन प्रशिक्षित स्टाफ की कमी के कारण इन्हें चलाया नहीं जा रहा है।
ठाकुरगंज और महानगर चिकित्सालय में भी कई वेंटिलेटर बंद हाल में हैं।
बीकेटी स्थित डॉ. रामसागर मिश्र चिकित्सालय में भी वेंटिलेटर कार्यशील नहीं हैं।
लोकबंधु अस्पताल की स्थिति सबसे चिंताजनक है, जहां 30 में से 26 वेंटिलेटर पूरी तरह से बंद हैं।
प्रशासन सख्त, डीएम ने भेजा नोटिस
मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने रानी लक्ष्मीबाई और लोकबंधु अस्पताल प्रशासन को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही, उन्होंने सभी संबंधित चिकित्सा संस्थानों की जांच के आदेश भी जारी किए हैं।
मरीजों की जान जोखिम में
वेंटिलेटर जैसी लाइफ सपोर्ट प्रणाली का इस तरह निष्क्रिय होना, गंभीर स्थिति में पहुंचे मरीजों की जान के लिए खतरा बन सकता है। खासकर ऐसे समय में जब डेंगू, वायरल बुखार और दूसरी मौसमी बीमारियों का प्रकोप जारी है, इस तरह की लापरवाही सवाल खड़े करती है।
सवालों के घेरे में स्वास्थ्य विभाग
स्वास्थ्य सेवाओं में करोड़ों रुपये की लागत से लगाए गए वेंटिलेटर बंद पड़े हों, तो यह न सिर्फ संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि चिकित्सा व्यवस्था की कमजोरी भी उजागर करता है। अब देखना यह है कि जांच के बाद दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है और मरीजों को राहत कब मिलती है।
