Thursday, November 13, 2025
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“वंदे मातरम – भारत की आत्मा की अनुगूंज, जो पीढ़ियों को जोड़ती रही”

“वंदे मातरम के 150 वर्ष: प्रधानमंत्री मोदी ने भव्य स्मरणोत्सव की शुरुआत की, कहा – यह राष्ट्र की आत्मा का स्वर है”

नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार तड़के देश के राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम” के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में वर्षभर चलने वाले राष्ट्रव्यापी स्मरणोत्सव का भव्य शुभारंभ किया। राजधानी के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री ने स्मारक डाक टिकट और विशेष स्मारक सिक्का भी जारी किया।

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अपने भावनात्मक संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “वंदे मातरम शब्द हमारे भीतर असीम आत्मविश्वास और साहस भर देता है। यह हमें बताता है कि कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।” उन्होंने इसे भारत की एकता, लचीलेपन और अटूट राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बताया।

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प्रधानमंत्री ने इस गीत की रचना करने वाले बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि “वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं, यह भारत मां के प्रति समर्पण का संकल्प है।” उन्होंने कहा कि यह स्मरणोत्सव देशवासियों में नई ऊर्जा और नव-प्रेरणा का संचार करेगा।

कार्यक्रम के दौरान “वंदे मातरम नाद एकम रूपम अनेका” शीर्षक से एक विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुति हुई, जिसमें देश के प्रख्यात कलाकारों ने हिंदुस्तानी और कर्नाटक शास्त्रीय संगीत का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। इस आयोजन ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक ध्वनि और विविधता में एकता की भावना को जीवंत कर दिया।

इस अवसर ने न केवल राष्ट्रभक्ति की भावना को फिर से प्रज्वलित किया, बल्कि वंदे मातरम के अमर संदेश को भी पुनः जीवंत किया — “एक ध्वनि, अनेक रूप, पर एक ही मातृभूमि।”

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