क्लाइंट लिस्ट में नाम शामिल होने का संदेह-चुनावी वादा पूरा नहीं करने पर समर्थक भड़के

कॉरपोरेटर पार्षद से लेकर विधायक सीएम तक व संसद से लेकर पीएम राष्ट्रपति तक को चुनाव में किए गए वादों को पारदर्शिता से पूर्ण कर सशक्त नेतृत्व करना समय की मांग- एडवोकेट किशन
गोंदिया वैश्विक स्तरपर दुनियाँ के सभी लोकतांत्रिक देशों में जनता अपनी व राष्ट्र की उन्नति विकास सुव्यवस्था कानून व्यवस्था व पारदर्शिता से काम करने व चुनाव में किए गए वादों को निभानेकी उम्मीद कर काबिल प्रत्याशी को वोट देकर कॉरपोरेटर से पीएम तक की कुर्सी पर पहुंचाती है, तो फिर उसचुने हुए व्यक्तित्व का कर्तव्य फ़र्ज़ बन जाता है,कि उन उम्मीदों वादों को पूरी जवाबदारी के साथ पूर्ण कर जनता की उम्मीदों पर खरा उतरे,परंतु मैं एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र यह मानता हूं कि भारत सहित विश्व में कम ही ऐसे नेता हैं जो पूरी तरह जनता की उम्मीदों पर खरे उतरते हैं। आज हम इस विषय पर चर्चा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि पिछले दो दिनों से अमेरिकाके राष्ट्रपति ट्रंप पर एपस्टीन मामले में पूरी रिपोर्ट व कागजात सार्वजनिक करने के चुनाव में किए गए वादे पर खरा नहीं उतरते व डिपार्मेंट आफ जस्टिस व एफबीआई द्वारा संयुक्त रूप से जारी बयान में कहा कि यह केस औपचारिक रूप से बंद करने की घोषणा की जाती है, तो ट्रंप के मेक अमेरिका ग्रेट अगेन सहित उनके अनेक समर्थक नाराज हो गए, व आंदोलन शुरू है। एक ओर रूस और यूक्रेन को तुरंत रोकने का वादा अभी पूरा नहीं हुआ हो रहाहै,तो दूसरी ओर एपस्टीन मामले की रिपोर्ट जारी नहीं कर उन्हें बंद करने का फरमान सुना दिया गया है, ट्रंप इन दोनों मामलों में फेल होते नजर आ रहे हैं।चूँकि एलन मस्क ने आरोप लगाया है कि एपस्टीन की क्लाइंट लिस्ट में ट्रंप भी शामिल है इसलिए मामला बंद करवाया है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप एपस्टीन मामले पर अपने ही समर्थकों से घिरे-क्लाइंट लिस्ट में नाम शामिल होने का संदेह-चुनावी वादा पूरा नहीं करने पर समर्थक भड़के।
साथियों बात अगर हम एपस्टीन मामले को समझने की करें तो, गौरतलब है कि जेफ्री एपस्टीन अमेरिका का एक कुख्यात यौन तस्कर और अरबपति फाइनेंसर था, जिस पर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण के आरोप लगे। एपस्टीन ने साल 2019 में जेल में आत्महत्या कर ली थी।हालांकि उसकी मौतके बाद भी उससे जुड़ी कईकहानियां अभी चलती रहती हैं। हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने न्याय विभाग और एफबीआई को एपस्टीन से जुड़े दस्तावेज सार्वजनिक करने से रोक दिया है। इसके बाद हंगामा शुरू हुआ है। दरअसल कई लोगों के आरोप है कि एपस्टीन से जुड़े दस्तावेजों में राष्ट्रपति ट्रंप का भी नाम है। कभी ट्रंप के समर्थक रहे और अब आलोचक एलन मस्क ने भी ऐसे ही आरोप लगाए हैं। कई रिपब्लिकन सांसद भी न्याय विभाग पर दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का दबाव बना रहे हैं। यही वजह है कि एपस्टीन से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की मांग हो रही है।एप्स्टीन केस- नाबालिग लड़कियों के शोषण का आरोप (1) जेफ्री एप्स्टीन को पहली बार 2006 में फ्लोरिडा के पाम बीच से गिरफ्तार किया गया। एप्स्टीन को वेश्यावृत्ति और नाबालिगों को लालच देने के लिए दोषी ठहराया गया। (2) हालांकि,कुछ सौदेबाजी के बाद उसे सिर्फ 13 महीने की हिरासत मिली, जिसमें वर्क रिलीज की इजाजत थी (3) वर्जीनिया गिफ्रे नाम की महिला ने 2009 में आरोप लगाया कि एप्स्टीन ने उन्हें नाबालिग रहते यौन तस्करी के लिए मजबूर किया। 2011 में गिफ्रे ने इस मामले में ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू का भी नाम लिया (4) 2015 में ग्रिफ्रे ने एप्स्टीन के खिलाफ मुकदमा दायर किया। इसमें एप्स्टीन के प्रिंस एंड्रयू और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के साथ रिश्तों का जिक्र था। (5) एप्स्टीन को 2019 में फिर से नाबालिगों की यौन तस्करी के मामले में गिरफ्तारकिया गया। गिफ्रे ने ही एप्स्टीन के खिलाफ अदालत में गवाही दी। (6) एप्स्टीन को वेश्यावृत्ति का नेटवर्क चलाने और बड़ी संख्या में महिलाओं के यौन शोषण और मानव तस्करी का दोषी ठहराया गया।एप्स्टीन की लिस्ट में बिल क्लिंटन, माइकल जैक्सन का नाम? (1) जनवरी 2024 में एक अमेरिकी कोर्ट ने जेफ्री एप्स्टीन से जुड़े दस्तावेज सार्वजनिक किए थे। इसमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, माइकल जैक्सन और ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू जैसे हाई-प्रोफाइल लोगों के नाम थे। (2) इसमें बिल क्लिंटन और प्रिंस एंड्रयू के साथ एप्स्टीन की पुरानी दोस्ती का भी जिक्र किया गया था। एप्स्टीन के मुताबिक क्लिंटन को कम उम्र की लड़कियां पसंद थीं। हालांकि, क्लिंटन के खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हो पाया।
साथियों बात अगर हम ट्रंप पर एपस्टीन मामले पर बढ़ते दबाव की करें तो, उन्होंने चुनावी सभाओं में वादा किया था कि वह इस रिपोर्ट को सार्वजनिक कर देंगे, परंतु अभी एफबीआई व डीओज़े ने मामले को बंद करने की घोषणा करने पर बखेड़ा खड़ा हुआ है, मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि उनके राजनीतिक विरोधी इस मुद्दे का इस्तेमाल उन पर हमला करने के लिए कर रहे हैं। इसके बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि ‘डेमोक्रेटिक पार्टी का नया घोटाला वही है, जिसे हम हमेशा जेफ्री एपस्टीन होक्स कहेंगे और मेरे पुराने समर्थक भी इस बकवास में पूरी तरह से फंस गए हैं। उन्होंने अपना सबक नहीं सीखा है और शायद कभी सीखेंगे भी नहीं।जेफ्री एपस्टीन मामले की फाइलों के खुलासे का दबाव ट्रंप प्रशासन पर बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि ट्रंप इसे लेकर नाराज हो गए हैं और इस बार उन्होंने अपने समर्थकों को ही लताड़ लगा दी है। ट्रंप ने कहा कि उनके जो पूर्व समर्थक डेमोक्रेटिक पार्टी की बकवास में फंसकर एपस्टीन से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं, वे कमजोर हैं और अब उन्हें अपने इन कमजोर समर्थकों का साथ नहीं चाहिए। एपस्टीन मामले पर ट्रंप के इस बयान से साफ है कि रिपब्लिकन पार्टी में दरारें उभर रही हैं।कई लोगों के आरोप है कि एपस्टीन से जुड़े दस्तावेजों में राष्ट्रपति ट्रंप का भी नाम है। कई रिपब्लिकन सांसद भी न्याय विभाग पर दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का दबाव बना रहे हैँ। ट्रंप ने शनिवार (12 जुलाई, 2025) को दावा किया कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, जो बाइडेन और हिलेरी क्लिंटन ने मिलकर एपस्टीन फाइल्स तैयार की हैं? ताकि 2026 के मिडटर्म चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी को नुकसान पहुंचाया जा सके दरअसल अमेरिका में चर्चित जेफ्री एपस्टीन मामले को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है,डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (डीओज़े) और एफबीआई ने हाल ही में एक संयुक्त मेमो जारी कर इस केस की जांच को औपचारिक रूप से बंद करने की घोषणा की है, इस फैसले ने ना सिर्फ राजनीतिक बहस को जन्म दिया है, बल्कि ट्रंप को भी हमलावर बना दिया है।
साथियों बात अगर हम इस मामले में एलन मस्क की भूमिका की करें तो,संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति और दुनियाँ के सबसे अमीर व्यक्ति के बीच दोस्ती में दरार पड़ गई है और यह एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने तक पहुँच गई है। राष्ट्रीय ऋण पर मतभेद से शुरू हुआ यह विवाद चरम पर पहुँच गया है, जब एलन मस्क ने ट्रम्प पर यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन से जुड़ी फाइलों को निजी संलिप्तता के कारण सार्वजनिक न करने का आरोप लगाया। बिना सबूत के पेश किया गया यह आरोप दोनों के बीच बढ़ती दरार को उजागर करता है और श्री ट्रम्प के इस हाई-प्रोफाइल यौन तस्कर से संबंधों की पुरानी खबरों की याद दिलाता है। इस साल एपस्टीन से जुड़ी कुछ फाइलें सार्वजनिक की गईं, जिनमें कई अहम जानकारी और उसके हाई-प्रोफाइल संपर्कों का जिक्र था,जेफरी एपस्टीन को ट्रंप का करीबी माना जाता था, इन फाइलों में ट्रंप का नाम नहीं मिला, लेकिन फिर भी ट्रंप और एपस्टीन के कथित संबंधों को लेकर लंबे समय से जांच होती रही है, मस्क ने 5 जून को सनसनीखेज दावा करते हुए कहा था कि ट्रम्प का नाम जेफरी एपस्टीन की फाइलों में शामिल है। मस्क ने एक्स पर लिखा था- अब बड़ा खुलासा करने का टाइम है।ट्रम्प का नाम एपस्टीन फाइलों में हैं। यही वजह है कि इन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया। डोनाल्ड ट्रम्प, आपका दिन शुभ हो।एक अन्य पोस्ट में कहा- इस पोस्ट को भविष्य के लिए नोट कर लें। सच्चाई सामने आएगी। हालांकि, बाद में मस्क ने वो पोस्ट डिलीट कर दी थी और माना कि वह हद से ज्यादा बोल गए थे।मस्क ने एप्स्टीन के साथ ट्रम्प का एक वीडियो भी रिपोस्ट किया था।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप एपस्टीन मामले पर अपने ही समर्थकों से घिरे- क्लाइंट लिस्ट में नाम शामिल होने का संदेह- चुनावी वादा पूरा नहीं करने पर समर्थक भड़के।एलन मस्क का आरोप एपस्टीन की क्लाइंट लिस्ट में ट्रंप भी शामिल इसीलिए एफबीआई डीओज़े ने मामला बंद किया।कॉरपोरेटर पार्षद से लेकर विधायक सीएम तक व संसद से लेकर पीएम राष्ट्रपति तक को चुनाव में किए गए वादों को पारदर्शिता से पूर्ण कर सशक्त नेतृत्व करना समय की मांग
-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र