November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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भद्रा काल में रखी बांधना अशुभ,31 अगस्त को मनाए रक्षाबंधन – आचार्य अजय शुक्ल

सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)। इस बार रक्षाबंधन पर्व को लेकर लोगों में उहा पोह की स्थिति हो गई है। इस बार सावन मास की पूर्णिमा 30 अगस्त को दिन में सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर प्रारंभ हो रहा है।पूर्णिमा तिथि का समापन 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर होगा।ऐसे में रक्षाबंधन 30 अगस्त को ही होना चाहिए, लेकिन 30 अगस्त को भद्रा दिन में 10 बजकर 13 मिनट से लेकर रात में 8 बजकर 58 मिनट तक लग रहा है । भद्रा काल मे रक्षाबंधन का पर्व मनाना अशुभ माना जाता है। रात्रि काल मे रक्षाबंधन पर्व मनाना कभी भी उचित नहीं है। अतः 31 अगस्त को उदय व्यापिनी पूर्णिमा तिथि में ही रक्षा बन्धन का पावन पर्व मनाया जाएगा। सभी पंचांगों में एक मत से ” भद्रांते रक्षा बन्धनम” वर्णित है।इसलिए सनातन धर्म को मानने वाले 31 अगस्त को प्रातः काल में 7 बजकर 46 मिनट तक मनाना श्रेयस्कर होगा।सबको कोशिश करना चाहिए कि इस मुहूर्त में ही यह पर्व मना लें।सभी बहनों को इस मुहूर्त में ही भाई की कलाई पर राखी बांध लें।