

पंडित राम प्रसाद बिस्मिल का बलिदान दिवस 19 दिसम्बर को सार्वजनिक अवकाश घोषित करे सरकार- बृजेश राम त्रिपाठी
गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा) जुलुस को तिरंगा समर्पित करते हुए मुख्य अतिथि गोरखपुर के एसपी नार्थ मनोज अवस्थी ने कहा कि,देश को मिली आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले उन असंख्य क्रांतिकारी वीरों, बलिदानीयों और शहीदों के व्यक्तित्व व कृतित्व को याद करने तथा भावी पीढ़ी को त्याग व बलिदान के इतिहास से रूबरू कराने के उद्वेश्य से गुरुकृपा संस्थान पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, बलिदानी मेला एवम् खेल महोत्सव का आयोजन परम्परागत ढंग से विगत 13 वर्षों से अहर्निश करता आ रहा है। यह वर्ष और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि यह आजादी के 75वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर समूचे देश में अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।
विशिष्ट अतिथि भानू प्रकाश मिश्रा ने कहा कि जुलुस आमजनों को आजादी के उन बलिदानियों की याद ताजा करा रहा था, जिन्होंने अपने प्राण तथा अपने परिवार की भी चिंता न करते हुए देश के ऊपर अपने आपको न्योछावर कर दिया, जिन्होंने अभी तक अपनी जवानी पूर्ण नहीं की थी उन्होंने अपनी पूरी जवानी देश की आजादी में न्योछावर कर दिया और खुशी-खुशी फंदे से झूल गए। ऐसी वीरता केवल और केवल भारत की युवाओं में ही हो सकती है। इसका एहसास दिलाने के लिए और उन्हें याद करने के लिए आजादी के अमृत महोत्सव, के इस पर्व पर दो पहिया वाहन जन जागरण जुलूस निकालकर लोगों को उनकी आजादी के महत्व और देश के आजादी के महत्व को दर्शाया।
अखिल भारतीय क्रांतिकारी संघर्ष मोर्चा, के अध्यक्ष बृजेश राम त्रिपाठी ने आह्वान एवं अपील करते हुए कहा कि क्रांतिवीरों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानीयों एवं अमर बलिदानीयों को याद करने के लिए पंडित राम प्रसाद बिस्मिल का बलिदान दिवस, 19 दिसंबर के अवसर पर स्वतः सार्वजनिक अवकाश घोषित कर मंडलीय जेल पर पहुंचा जाय, बलिदानी स्थल परिसर में पुष्पांजली यह उस वीर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
दो पहिया वाहन जनजागरण, जुलुस तिरंगे के साथ निकाला गया। जिसकी कुल दूरी 11 किलोमीटर है जो कि रविवार को प्रातः 11:00 बजे से शुरू हुआ जिसमें सैकड़ों की संख्या में दो पहिया वाहन पर सवार युवाओं ने अपने जोश व जज्बे से गगनभेदी नारें लगाकर राष्ट्रप्रेम का ज्वार गुंजायमान कर दिया।
जुलुस का नेतृत्व अखिल भारतीय क्रांतिकारी संघर्ष मोर्चा के सदस्य, रमेश चंद्र त्रिपाठी ने किया तथा जगह-जगह जुलूस पर पुष्पवर्षा की गई।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस पैडलेगंज से शुरू होकर चंद्रशेखर की मूर्ति आजाद चौक, सरदार भगत सिंह बेतियाहाता चौक, बिस्मिल की अंतिम जनता दर्शन स्थल घंटाघर, बंधू सिंह पार्क हाल्सीगंज, मोती जेल लालडिग्गी, अलीनगर स्थित बरगद पेड़ बंधु सिंह बलिदानी स्थली, महात्मा गांधी प्रतिमा टाउन हॉल, वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई नगर निगम परिसर होते हुए लाल बहादुर शास्त्री चौक पहुंचकर समाप्त हुआ।
जुलूस को सफल बनाने में प्रमुख रूप से विजय खेमका, बृजेश मणि मिश्र, विपिन बिहारी पाण्डेय, सुनील शुक्ला, अश्वनी मिश्रा अमर, सुनील मिश्र, प्रदीप त्रिपाठी, अजीत शुक्ला, विनीत त्रिपाठी, का अहम योगदान रहा।
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