
गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। मदन मोहन मालवीय शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र और दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में ” शिक्षा में नवाचार और नैतिकता ” विषयक बारह दिवसीय पुनश्चर्या कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम के अंतिम दिन के प्रथम सत्र में राष्ट्रीय शैक्षिक नियोजन एवं प्रशासन संस्थान, नई दिल्ली की प्रोफेसर आरती श्रीवास्तव ने अकादमिक नेतृत्व पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने अकादमिक नेतृत्व के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला और इसके महत्व को रेखांकित किया।
इसके बाद आसाम विश्वविद्यालय, सिलचर के अध्यापक शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अजय कुमार सिंह ने भारत में परीक्षा सुधार प्रकरण पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने परीक्षा व्यवस्था की मौजूदा चुनौतियों पर प्रकाश डाला और इसके सुधार के लिए आवश्यक कदमों पर बल दिया।
कार्यक्रम के तृतीय सत्र में गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग के प्रोफेसर राकेश राय ने शिक्षण में पेशेवर नैतिकता पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने शिक्षकों की नैतिक जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला और इसके महत्व को रेखांकित किया।
समापन सत्र में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग, प्रयागराज की पहली अध्यक्षा प्रोफेसर कीर्ति पाण्डेय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। उन्होंने पुनश्चर्या पाठ्यक्रम के विषय की तारीफ की और नवाचारों को स्वीकार करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न प्रदेशों से 73 प्रतिभागी ऑनलाइन जुड़े रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. ज्योति बाला मैडम द्वारा किया गया और सभी आहूत विद्वान-विदुषी वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापन प्रो सुनीता दुबे द्वारा किया गया।
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