वॉशिंगटन (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। अमेरिका और वेनेजुएला के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी सेना प्रमुख और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुख्य सैन्य सलाहकार जनरल डैन केन ने कैरीबियन का अहम दौरा किया है। सोमवार को वे प्यूर्टो रिको और उसके पास तैनात एक अमेरिकी नौसैनिक युद्धपोत पर पहुँचे, जहां उन्होंने सैनिकों से मुलाकात कर उनकी तैनाती और अभियानों की समीक्षा की।
हाल ही में अमेरिका ने कैरीबियन क्षेत्र में असामान्य रूप से बड़ी संख्या में युद्धपोत तैनात किए हैं। साथ ही, नशीली दवाओं की तस्करी के संदेह में कई नौकाओं पर कार्रवाई भी की गई है। इन गतिविधियों को वेनेजुएला पर बढ़ते राजनीतिक और सामरिक दबाव के रूप में देखा जा रहा है।
जनरल केन के साथ उनके वरिष्ठ सलाहकार डेविड एल. आइजम भी मौजूद थे। यह इस साल कैरीबियन क्षेत्र का उनका दूसरा दौरा है। इससे पहले सितंबर में वे और अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ प्यूर्टो रिको आए थे, जब सैकड़ों अमेरिकी मरीन सैनिक सैन्य अभ्यास के लिए पहुंचे थे। उस समय हेगसेथ ने कहा था कि यह बल अमेरिका की “पहली रक्षा पंक्ति” है।
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क्या वेनेजुएला पर सैन्य कार्रवाई तय?
दौरा ऐसे समय हुआ है जब राष्ट्रपति ट्रंप वेनेजुएला के खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं। ट्रंप प्रशासन नशीली दवाओं की तस्करी से जुड़े अभियानों को तेज करने की बात कह चुका है, और कैरीबियन में बढ़ी सैन्य मौजूदगी को कई विश्लेषक इसी रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं।
‘कार्टेल दे लॉस सोलेस’ को आतंकी संगठन का दर्जा
अमेरिका ने हाल ही में ‘कार्टेल दे लॉस सोलेस’ को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया है। अमेरिकी दावा है कि यह समूह वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलास मादुरो से जुड़ा है। हालांकि विशेषज्ञ इसे किसी पारंपरिक ड्रग कार्टेल के रूप में नहीं देखते।
इस साल अमेरिका ने आठ लैटिन अमेरिकी आपराधिक गिरोहों को भी आतंकी संगठन की सूची में शामिल किया है, जो नशा तस्करी और प्रवासी तस्करी जैसे अपराधों में शामिल हैं। अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि समुद्र में जिन नौकाओं को लक्ष्य बनाया जा रहा है, वे इन्हीं गिरोहों द्वारा संचालित थीं, हालांकि अब तक इसके ठोस सबूत सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
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