आज की जीवनशैली में थायराइड क्यों बन रहा है गंभीर समस्या?

(डा०गिरिजेश मिश्र के साथ राष्ट्र की परम्परा की रिपोर्ट )
भागदौड़ भरी जिंदगी, तनाव, खराब खानपान और बदलती जीवनशैली की वजह से थायराइड की समस्या तेजी से बढ़ रही है। खासकर शहरी क्षेत्रों में यह रोग आम होता जा रहा है। महिलाएं पुरुषों की तुलना में इस रोग से अधिक प्रभावित होती हैं।
थायराइड क्या होता है?
थायराइड एक तितली के आकार की छोटी सी ग्रंथि होती है, जो हमारे गले के सामने हिस्से में स्थित होती है। यह ग्रंथि T3 (Triiodothyronine) और T4 (Thyroxine) नामक दो प्रमुख हार्मोन का निर्माण करती है। ये हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज्म (चयापचय), ऊर्जा स्तर, वजन, मूड, दिल की धड़कन, पाचन, त्वचा और बालों की सेहत को नियंत्रित करते हैं।
थायराइड के प्रकार
- हाइपोथायरॉयडिज्म (Hypothyroidism):
जब थायराइड ग्रंथि पर्याप्त हार्मोन नहीं बनाती।
लक्षण: थकान, वजन बढ़ना, कब्ज, ठंड लगना, सूखी त्वचा, बालों का झड़ना, डिप्रेशन आदि।
- हाइपरथायरॉयडिज्म (Hyperthyroidism):
जब ग्रंथि जरूरत से ज्यादा हार्मोन बनाती है।
लक्षण: तेजी से वजन घटना, घबराहट, नींद न आना, धड़कन तेज होना, चिड़चिड़ापन आदि।
थायराइड के कारण ,आयोडीन की कमी या अधिकता,ऑटोइम्यून रोग (जैसे हाशिमोटो या ग्रेव्स डिजीज) आनुवांशिकता,अत्यधिक तनाव ,हार्मोनल असंतुलन,गर्भावस्था के बाद हार्मोनल परिवर्तन
थायराइड की जांच कैसे करें?
थायराइड की पुष्टि ब्लड टेस्ट (TSH, T3, T4) से की जाती है। समय-समय पर जांच कराना जरूरी होता है, खासकर तब जब इसके लक्षण नजर आने लगें।
थायराइड का इलाज
हाइपोथायरॉयडिज्म में थायरॉक्सिन नामक दवा दी जाती है,हाइपरथायरॉयडिज्म के लिए दवाएं, रेडियोएक्टिव आयोडीन या सर्जरी का सहारा लिया जाता है।डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा न लें।थायराइड से बचाव के घरेलू उपाय,आयोडीन युक्त नमक का सेवन करें,पर्याप्त नींद और तनाव से मुक्ति,सुबह-सुबह धूप में कुछ समय बिताएं (विटामिन D),हरी सब्जियों और फल का सेवन,नियमित व्यायाम और योग (विशेषकर सर्वांगासन, मत्स्यासन),प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड से दूरी रखें।
विशेषज्ञों की सलाह
विशेषज्ञों का मानना है कि थायराइड की समस्या को यदि प्रारंभिक अवस्था में पहचान लिया जाए, तो यह पूरी तरह नियंत्रित हो सकती है। जीवनशैली में बदलाव, संतुलित आहार और समय पर इलाज से थायराइड को शरीर पर हावी होने से रोका जा सकता है।
निष्कर्ष
थायराइड भले ही एक सामान्य बीमारी लगती हो, लेकिन इसके दुष्प्रभाव शरीर के कई हिस्सों पर पड़ सकते हैं। इसलिए इसके लक्षणों को नजरअंदाज न करें और नियमित जांच जरूर कराएं। जागरूकता और संयमित जीवनशैली ही इस बीमारी से बचाव का सबसे बेहतर उपाय है।
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