
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) । कृषि विज्ञान केन्द्र पर चार दिवसीय रबि तिलहनी बीज उत्पादन तकनीकी पर 15 किसानों को प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें कार्यक्रम संयोजक बीज वैज्ञानिक सुनील कुमार ने किसानों से तिलहनी बीज उत्पादन को बढ़ावा देने की जानकारी दी।
केन्द्र पर चल रही 15 दिवसीय प्रमाण पत्र पाठयक्रम विषय पर उर्वरक विक्रेताओं के लिए एकीकृत पोषक तत्व प्रबन्धन एवं तिलहनी बीज उत्पादन के प्रशिक्षणार्थियों के साथ फसल अनुसंधान केन्द्र के प्रभारी अधिकारी डॉ महेन्द्र सिंह व क्रिस्टल्स कम्पनी के नॉर्थ रईजनल प्रोडक्ट्स डेवलप्मेंट मेनेजर भागीरथी गुप्ता को केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ के एम सिंह ने प्रक्षेत्र पर लगी श्री अन्न की फसलें बाजरा, मडुवा , सावां, मक्का, दलहनी-तिलहनी फसलें उर्द, मूंग, अरहर के प्रक्षेत्र प्रदर्शनों का भ्रमण कराया।
भ्रमण के दौरान डॉ के एम सिंह ने बताया कि मोटा अनाज मधुमेहग्रस्त रोग एवं हृदयरोग के जोख़िम को कम करने में मदद करता है,मइलएट्स में कैल्शियम, लोहा, प्रोटिन, खनीज लवण और विटामिन्स चावल और गेहूं से तीन से पांच गुना अधिक पोषण मान होता है।
मोटा अनाज स्टार्च का बढ़िया स्रोत है जो इसे उच्च ऊर्जा वाला भोजन बनाता है,मोटा अनाज प्रोटीन और फाइबर का उत्कृष्ट स्रोत है,भ्रमण के दौरान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ अरुण राजभर, सुनील कुमार, डॉ नीरज सिंह, संजय पाठक, बागेश्वरी, चंद्र प्रकाश और सिराज आदि उपस्थित रहे।
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