November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

फिर बाग- ए -मोहब्बत वो लगाने के लिये आजा

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) । नानपारा नगर के मोहल्ला तोपखाना में सफीर नानपारवी के मकान पर अंजुमन गुलज़ार-ए-अदब की तरही नशिस्त का आयोजन किया गया ,मिसरा था- तू मुझसे ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आजा सदारत सहाफ़ी व शायर शकील अंसारी “मकी नानपारवी” ने की। मेहमान खुसूसी शायर व अदीब शारिक रब्बानी रहे। निज़ामत शायर व साहित्यकार रोशन ज़मीर ने की।इस मौके पर शायर एवं साहित्यकार रोशन जमीर ने कहा उससे कलीम हाल पे फिर जाकर बात कर- फिर उसका हुक्म क्या है सुनाने के लिए आजा मशहूर शायर शरीक रब्बानी ने कहा प्यार के दो बोल भी मुझको सुना दोगे अगर – तेरे कदमों पर सारिक मैं फ़िदा हो जाऊंगा।शकील अंसारी मकी नानपारवी ने कहा साज़िश से खिजाओं की जो सूख चुके हैं- फिर बाग ए मुहब्बत वो लगाने के लिए आजा कैफ़ नानपारवी ने कहा उलझे रहेंगे गैसूए पूरनम से कब तलक- बिगड़ी मेरी तकदीर बनाने के लिए आ। अयूब अंसारी ने कहा फिर साहिबे ईमान पर ग़ालिब है वो बातिल – मोहमूद कहां है तू बचाने के लिए आजा ।सफ़ीर नानपारवी ने कहा टूटे कहीं ना आरजू दिल की मेरे सफ़ीर- सोया हुआ जमीर जगाने के लिए आजा शम्स नानपारवी ने कहा कोई तो मेरे यार से जाकर यही कह दे- तू मुझसे खफा है तो जमाने के लिए आजा । मोहम्मद आसिफ खान ने कहा आग नफरत की दिलों से बुझाने के लिए आ -एक बार दिल को दिल से मिलाने के लिये आजा नवाज बहराइची ने कहा तुझको नहीं है प्यार की तौफीक ना सही- नफरत के तीर मुझ पर चलने के लिये आजा।
नशिस्त में शोरा के अलावा लल्लन अंसारी, हलीम अन्सारी, अबरार, चन्द्रभाल और छोटकऊ मंसूरी आदि ने शिरकत की।