
दरभंगा/पटना (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपनी बड़ी राजनीतिक रणनीति का आगाज़ कर दिया है। बुधवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दरभंगा के जीवछ घाट से ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की शुरुआत की। यात्रा के पहले ही दिन भारी जनसैलाब उमड़ा और माहौल पूरी तरह चुनावी रंग में डूबा नजर आया।
यात्रा की खासियत यह रही कि राहुल गांधी के साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन मंच साझा करते दिखे। इससे साफ है कि कांग्रेस इस बार क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर सहयोगी दलों के साथ मिलकर बड़ा संदेश देना चाहती है।
सबसे ज्यादा राजनीतिक चर्चा इस बात को लेकर है कि बिहार की सियासत के अहम चेहरे भी इस यात्रा में शामिल हुए। राजद नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने राहुल गांधी के साथ कदम से कदम मिलाते हुए अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। यह तस्वीर विपक्षी एकजुटता को और मजबूती देती है।
राहुल गांधी ने इस मौके पर कहा कि “बिहार की जनता को उसके वोट का पूरा अधिकार दिलाना हमारा संकल्प है। गरीब, मजदूर, किसान और नौजवान की आवाज अब दबाई नहीं जा सकती।” प्रियंका गांधी ने भी युवाओं और महिलाओं के मुद्दों को उठाते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधा। वहीं एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार पर संघीय ढांचे को कमजोर करने का आरोप लगाया और विपक्षी गठबंधन की मजबूती पर जोर दिया।
इस यात्रा के जरिए कांग्रेस और उसके सहयोगी दल बिहार में एक बड़ा राजनीतिक संदेश देना चाहते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह यात्रा आगामी विधानसभा चुनाव का एजेंडा तय करने में अहम भूमिका निभा सकती है।
भीड़ और विपक्षी दलों की साझा मौजूदगी ने साफ कर दिया है कि बिहार की सियासत अब और भी दिलचस्प मोड़ लेने जा रही है।