उनका कहना कि नींद आये न आये,
रात में चिराग़ बुझाना ही पड़ता है,
क्योंकि रात भर किसी का उन्हें यूँ
जलना जो अच्छा नहीं लगता है।
कमरे का चिराग़ बेशक बुझा दो,
पर दिल का चिराग़ जलाये रखना,
नींद भी आयेगी व मधुर सपने भी,
सपनों का दीपक जलाये रखना ॥
चिराग़ दूसरों को प्रकाश देता है,
इसलिये ही उसे जलना पड़ता है,
सोने वाले को क्या फ़र्क़ पड़ता है,
वह तो गहरी मीठी नींद सो जाता है।
गुणवान को कष्ट भोगना पड़ता है,
पर निर्गुण हमेशा प्रसन्न रहता है,
गुणों की परवाह करनी पड़ती है,
जबकि गुणहीन बेफिक्र रहता है।
आदित्य तोते का गुण सुंदरता है,
इसलिए पिंजरे की क़ैद में रहता है,
कौआ कुरूप होता है इसलिए वह
गगन में स्वच्छंद विचरण करता है।
- कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
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