July 30, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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छांगुर केस में खुलासा एसटीएफ जांच में 4 अफसरों की संदिग्ध भूमिका उजागर


एटीएस रिमांड में चौंकाने वाली जानकारियां, बलरामपुर के तत्कालीन एडीएम, दो सीओ और एक इंस्पेक्टर पर शक की सुई

लखनऊ।(राष्ट्र की परम्परा) देशविरोधी गतिविधियों और संदिग्ध वित्तीय नेटवर्क को लेकर गिरफ्तार किए गए जमालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन की एसटीएफ व एटीएस द्वारा संयुक्त पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। छांगुर की मदद में वर्षों तक लगे रहे चार प्रशासनिक अफसरों के नाम सामने आए हैं, जो 2019 से 2024 के बीच बलरामपुर जिले में तैनात रहे। इनमें एक एडीएम रैंक के अधिकारी, दो क्षेत्राधिकारी (सीओ) और एक थानेदार शामिल हैं।

सूत्रों के मुताबिक, ये अफसर छांगुर के इशारों पर काम करने को सदैव तैयार रहते थे। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इन अफसरों ने उसकी गतिविधियों पर आंखें मूंदे रखीं, जिससे उसका नेटवर्क निर्बाध रूप से फलता-फूलता रहा।

रिमांड में हुए खुलासे

छांगुर और नीतू की 7 दिन की एटीएस कस्टडी रिमांड आज शाम 6 बजे समाप्त हो रही है। पूछताछ के दौरान छांगुर ने जिन अधिकारियों के नाम लिए, उनकी भूमिका की तस्दीक अब जांच एजेंसियों द्वारा की जा रही है।

हालांकि यह भी आशंका जताई जा रही है कि छांगुर ने जानबूझकर अफसरों के नाम लिए हों, जिससे जांच की दिशा भटकाई जा सके। ऐसे में अब एजेंसियां यह स्पष्ट करने में जुटी हैं कि क्या वाकई इन अफसरों ने उसे सहयोग दिया, या वे किसी झूठी साजिश का हिस्सा बनाए जा रहे हैं।

एजेंसियां जुटा रहीं पुख्ता सबूत

एटीएस, एसटीएफ और आईबी की टीमों ने अब उन अफसरों के कार्यकाल, उनके निर्णयों और छांगुर से किसी भी प्रकार के संपर्क की गहन छानबीन शुरू कर दी है। मोबाइल रिकॉर्ड, बैंक लेन-देन, सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय सूचनाओं के आधार पर यह निर्धारित किया जाएगा कि आरोपों में कितना दम है।

रिमांड खत्म, जेल भेजे जाएंगे दोनों आरोपी

एटीएस द्वारा मिली कस्टडी रिमांड की अवधि बुधवार शाम 6 बजे समाप्त हो रही है। इसके बाद दोनों आरोपियों—छांगुर और नीतू उर्फ नसरीन—को न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा। हालांकि, जांच एजेंसियों ने यह स्पष्ट किया है कि जरूरत पड़ने पर आगे फिर से रिमांड की मांग की जा सकती है।