🧒 “दिवाली की रोशनी में अंधेरा: ज़हरीली ‘कार्बाइड गन’ से 150 से अधिक बच्चे घायल, कई ने खोई आंखों की रोशनी”
भोपाल/विदिशा (एमपी)। दिवाली की खुशियों के बीच मध्य प्रदेश से आई ये खबर दिल दहला देने वाली है। स्थानीय स्तर पर बनी खतरनाक “कार्बाइड गन” बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। एक चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन दिनों में 150 से ज़्यादा बच्चों को गंभीर नेत्र चोटों के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से 14 बच्चों ने हमेशा के लिए अपनी आंखों की रोशनी खो दी है।
ये भी पढ़ें –मानवता—ईश्वर तक पहुँचने का सच्चा मार्ग
सबसे ज्यादा मामले विदिशा जिले से सामने आए हैं, जहां सरकारी प्रतिबंध के बावजूद ये गन खुलेआम ₹150 से ₹200 में बिक रही हैं। भोपाल और विदिशा के अस्पतालों में 100 से अधिक बच्चों का इलाज चल रहा है। सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा ने बताया, “यह कोई खिलौना नहीं, बल्कि एक विस्फोटक यंत्र है जो रेटिना को जला देता है।”
ये भी पढ़ें –शोपीस बनकर रह गया सिसवां मुंशी चौराहे का हाईमास्ट — अंधेरे में डूबा बाजार, बढ़ी असुरक्षा की आशंका
गैस लाइटर, प्लास्टिक पाइप और कैल्शियम कार्बाइड से बनी यह देसी गन पानी के संपर्क में आने पर एसिटिलीन गैस उत्पन्न करती है, जो चिंगारी से फट जाती है। विस्फोट के साथ उड़ने वाले प्लास्टिक और धातु के टुकड़े बच्चों की आंखों और चेहरे को गंभीर रूप से घायल कर देते हैं।
मरीजों के परिजनों ने प्रशासन को लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई और मुआवज़े की मांग की है। मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा 18 अक्टूबर को बिक्री पर प्रतिबंध के निर्देशों के बावजूद, ये खतरनाक खिलौने अब भी बाजारों में खुलेआम बिक रहे हैं।
डॉक्टरों ने चेताया है — “कार्बाइड गन खिलौना नहीं, जानलेवा विस्फोटक है। माता-पिता अपने बच्चों को इसके इस्तेमाल से दूर रखें।”
