July 12, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

सूचना प्रदान करने की 30 दिनों की अवधि है, लक्ष्मण रेखा

सूचना से इंकार की सूचना भी एक सूचना है

कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा) राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चन्द्र सिंह द्वारा शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में सूचना के अधिकार के तहत, आये प्रकरणों की सुनवाई की गई।
शनिवार को आये कुल 156 मामलों में 100 मामले निस्तारित किये गए, 10 में अर्थदंड अधिरोपित किये गए व शेष की सुनवाई की अगली तारीख दी गयी।
आर टी आई मामलों की सुनवाई के बाद अधिकारीगणों को संबोधित करते हुए, राज्य सूचना आयुक्त ने उनकी सूचना के अधिकार के संबंध में जिज्ञासाओं को शांत किया तथा इस क्रम में सूचना अधिकार के विधिक पहलुओं से उन्होनें अधिकारीगणों को अवगत कराया।
राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि सूचना देने में अनावश्यक विलंब नहीं करनी चाहिए व निर्धारित तय अवधि 30 दिनों के अंदर सूचना प्रदान की जानी चाहिए, 30 दिनों की अवधि को उन्होनें लक्ष्मण रेखा बताते हुए कहा कि ससमय सूचना प्रदान की जाए। उन्होंने बताया कि स्पष्ट रूप में सादे कागज पर प्रारूप के तहत, दिए गए आवेदन स्वीकार्य होने चाहिए। जो सूचनाएं नहीं दी जा सकती उन सूचनाओं को इनकार करने की भी सूचना दें, क्योंकि सूचना से इनकार करना भी एक सूचना है।
सूचना आयुक्त ने कहा कि वादी द्वारा मांगी गई सूचना देने में वही भाव रखें जो, यदि खुद के द्वारा इस अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना की प्राप्ति की अपेक्षा में रहता। आर टी आई का उद्देश्य बताते हुए आयुक्त ने कहा कि सद्भावनापूर्वक सूचना दी जानी चाहिए। उन्होनें कहा अधिकारियों को सूचना के अधिकार अधिनियम की मूलभूत जानकारी रखनी चाहिए। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचनाओं के संदर्भ में लोकहित को प्राथमिकता दी जानी चाहिए तथा सूचनाओं को प्रदान करने में अनावश्यक विलंब नहीं किया जाना चाहिए। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना के संदर्भ में पूरी जानकारी, मसलन सूचना कब प्राप्त हुई, सूचना का विषय, सूचना की स्थिति आदि के संदर्भ में पूरी जानकारी एक पंजिका में रखी जानी चाहिए।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी देवीदयाल वर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक रितेश कुमार सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी सुरेश पटारिया, समस्त उपजिलाधिकारी गण व जनपद स्तरीय अधिकारीगण मौजूद रहे।